लंदन: ब्रिटिश मीडिया ने गुलाबी गेंद के टेस्ट में अपनी क्रिकेट टीम के भारत से दो दिन में हारने की आलोचना की और इसके लिए विवादास्पद रोटेशन नीति और अपने बल्लेबाजों की तकनीकी असफलताओं को जिम्मेदार ठहराया जबकि नरेंद्र मोदी स्टेडियम की पिच पर भी ऊंगली उठाई गई.
इंग्लैंड को गुरूवार को तीसरे टेस्ट में स्पिनरों के मुफीद पिच पर भारत से 10 विकेट की शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा जिससे टीम चार मैचों की श्रृंखला में 1-2 से पिछड़ गई. मैच दो दिन में खत्म हो गया जिससे पिच की भी आलोचना की गई जिसमें कुछ पूर्व खिलाड़ियों जैसे माइकल वॉन ने कहा कि यह टेस्ट क्रिकेट के लिए आदर्श पिच नहीं थी.
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लेकिन 'द गार्डियन' अखबार ने इंग्लैंड के खराब प्रदर्शन की आलोचना की. इसकी रिपोर्ट का शीर्षक था, "इंग्लैंड के दो दिन में हारने की जांच में कोई आसान जवाब नहीं मिलेगा." उन्होंने इसमें लिखा, "भारत के खिलाफ तीसरे टेस्ट में मिली निराशाजनक हार के लिए किसे दोषी ठहराया जाए, यह काफी मुश्किल है क्योंकि इतनी सारी चीजें गलत हुईं."
अखबार ने फिर रोटेशन नीति को इसका जिम्मेदार ठहराया जिसके कारण श्रृंखला के कारण मुख्य खिलाड़ियों को आराम दिया गया. इसके अलावा टीम के परिस्थितियों को नहीं पढ़ पाने के लिए भी दोषी माना और लिखा, "पिछले हफ्ते चेन्नई में मिली करारी शिकस्त का हैंगओवर." इस लेख में कहा गया, "पहली पारी में जब स्कोर दो विकेट पर 74 रन था तो बल्लेबाज इसका फायदा नहीं उठा सके, ऐसा इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड की बेकार प्राथमिकताओं के कारण स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ अनुभव की कमी, गुलाबी गेंद, पिच की प्रकृति के कारण हुआ और सबसे महत्वपूर्ण कि वे एक बेहतर टीम के खिलाफ थे."
'द सन' ने इंग्लैंड को अयोग्य बताते हुए उसकी चयन नीति की आलोचना की. डेव किड ने अपने कॉलम में लिखा, "अयोग्य इंग्लैंड टीम को अहमदाबाद की टर्निंग पिच पर भारत के हाथों शर्मसार होना पड़ा जिसमें टीम एक स्पिनर और चार '11वें नंबर' के बल्लेबाजों के साथ उतरी."