हैदराबाद: मार्च का महीना क्रिकेट से जुड़ी कई बड़ी घटनाओं के साथ इतिहास में दर्ज है. 16 मार्च भी क्रिकेट के लिए ऐसा ही एक ऐतिहासिक दिन है
भारत में क्रिकेट को एक धर्म की तरह माना जाता है और सचिन तेंदुलकर किसी भगवान से कम नहीं हैं. 16 मार्च, 2012 वह दिन है जब सचिन ने एशिया कप के एक मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ खेलते हुये शेर-ए-बंगाल स्टेडियम, मीरपुर में सैकड़ा जड़कर एक अभूतपूर्व रिकॉर्ड अपने नाम किया था.
सचिन ने इस मैच में 147 गेंदों पर 114 रनों की पारी खेली. यह सचिन के बल्ले से निकला 100वां अंतरराष्ट्रीय शतक था और यहां उनसे पहले कोई नहीं पहुंचा था. उनका यह रिकॉर्ड अब भी कायम है. वह इंटरनैशनल क्रिकेट में सबसे अधिक शतक लगाने वाले खिलाड़ी हैं.
सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय शतक लगाने वाले खिलाड़ी तेंदुलकर ने इस पारी में सधी शुरुआत की. शतक के करीब पहुंचते-पहुंचते उनकी बल्लेबाजी की रफ्तार और धीमी होती गई, आखिर 138वीं गेंद पर उनके बल्ले से वह शॉट निकला जिसने उन्हें 'शतक' वीर बना दिया, भारत को हालांकि इस मैच में हार का सामना करना पड़ा था. भारत ने 50 ओवरों में 289 रन बनाए थे लेकिन बांग्लादेश ने 4 गेंद बाकी रहते 293 रन बनाकर यह मैच जीत लिया था.
2011 विश्व कप जीतने के बाद सचिन तेंदुलकर को कंधे पर उठाए भारतीय खिलाड़ी एकदिवसीय क्रिकेट में सचिन का यह 49वां शतक था और टेस्ट क्रिकेट में वह 51 शतक पहले ही लगा चुके थे. इस तरह मास्टर ब्लास्टर ने शतकों का शतक पूरा किया. भारत रत्न से सम्मानित सचिन यह कीर्तिमान रचने वाले दुनिया के अकेले बल्लेबाज हैं.