कटक :वेस्टइंडीज के बल्लेबाज निकोलस पूरन चार साल पहले दुर्घटना में इतने चोटिल हो गए थे कि छह महीने तक वे चलने में भी असमर्थ थे, ऐसे में कायरन पोलार्ड अभिभावक की तरह उनकी मदद के लिए आए. दुर्घटना के समय पूरन की उम्र लगभग 20 साल की थी और पोलार्ड की हौसलाअफजाई ने उनके लिए ऐसी दवा का काम किया कि वे एकदिवसीय क्रिकेट में टीम के इस मौजूदा कप्तान के सबसे अहम सिपाही में से एक हो गए हैं.
भारत के खिलाफ एकदिवसीय सीरीज के तीन मैचों में उन्होंने 23 गेंद में 29, 47 गेंद में 75 और 64 गेंद में 89 रन की पारियां खेलकर कप्तान के भरोसे को सही साबित किया. पूरन ने कहा पोलार्ड को शुक्रिया अदा करते हुए कहा,"वे मेरे लिए बड़े भाई, पिता तुल्य है. वे मेरे साथ तब से है जबसे मैंने क्रिकेट के मैदान में वापसी की है. उन्होंने मुझे मौका दिया. मैं इसके लिए शुक्रगुजार हूं."
हादसे के बाद पोलार्ड की हौसलाअफजाई बनी थी दवा, पूरन ने बयां की दास्तान
वेस्टइंडीज के बल्लेबाज निकोलस पूरन चार साल पहले दुर्घटना में इतने चोटिल हो गए थे कि छह महीने तक वह चलने में भी असमर्थ थे, ऐसे में कायरन पोलार्ड अभिभावक की तरह उनकी मदद के लिए आए.
NICHOLAS POORAN
पूरन ने कहा,"हम दोनों घरेलू मैचों में एक ही क्लब, एक ही फ्रैंचाइजी के लिए खेलते है. एक साथ बल्लेबाजी करते समय हमारे बीच अच्छी समझ रहती है. हम परिस्थितियों और हालात को ठीक से समझते और उसके अनुसार खेलते हैं." उन्होंने कहा कि मैच के दौरान कप्तान ने कहा था कि वे स्पिनर्स के खिलाफ आक्रामक होंगे जबकि उन्हें तेज गेंदबाजों के खिलाफ तेजी से रन बनाना होगा.