हैदराबाद:पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के जन्मदिन के मौके पर आज धोनी की उन रोमांचक पारियों को याद करते हैं जिसके चलते हम उनको सिर्फ कप्तान धोनी ही नहीं बल्कि फिनिशर धोनी के तौर पर भी मानते हैं.
2013 : ट्राई नेशन सीरीज, भारत बनाम श्रीलंका
11 जूलाई 2013 को भारतीय टीम ने श्रीलंका के खिलाफ ट्राई नेशन सीरीज का एक मुकाबला खेला था जिसमें सबसे पहले श्रीलंका ने 201 रन बनाकर भारत को 202 रनों का लक्ष्य दिया. इस मुकाबलें में धोनी को उनके फैंस ने पहली बार गुस्से में भी देखा था. बता दें कि धोनी ने आखिरी विकेट की साझेदारी करते हुए ईशांत शर्मा के साथ 19 गेंदों में 20 रन जोड़े. धोनी ने इस बीच न सिर्फ ईशांत के साथ पारी को संभाला बल्कि भारतीय टीम को मैच भी जीताया. इस मैच में धोनी ने 52 गेंदों में 45 रन बनाए थे.
2011 विश्व कप: भारत बनाम श्रीलंका
धोनी अकसर अपने आसाधरण क्रिकेट के लिए याद किए जाते हैं जो उन्होंने कई बार प्रूप भी किया है. 2011 विश्व कप में धोनी ने चेज करते हुए आखिरी समय में युवराज की जगह खुद जाकर मैच का रूख पलट दिया. 2 अप्रैल 2011 को भारत का सामना श्रीलंका टीम से हुआ जिसमें श्रीलंका ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और 50 ओवरों में 207 रन बनाए जिसका सामने करने उतरी भारतीय टीम ने शुरूआती ओवरों में सचिन और सेहवाग को सस्ते में गवां दिया था. हालांकि गंभीर की 97 रनों की पारी ने भारतीय टीम की उम्मीद को जिंदा रखा. जिसके बाद मिडिल ऑर्डर में कोहली के आउट होने के बाद युवराज सिंह को जाना था लेकिन उधर श्रीलंकाई दिग्गज मुथैया मुरलीधरन अपनी खुंखार गेंदबाजी से युवराज का शिकार करने के लिए खड़े थे. कोहली का विकेट गिरा और युवराज पूरी तरह से तैयार होकर बैठे थे लेकिन धोनी ने उस वक्त के हालातों को कई ओवरों पहले ही पढ़ लिया था. धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ खेलते हुए मुथैया मुरलीधरन के सामने काफी बार बल्लेबाजी की थी जिसके चलते वो मुरलीधरन के सामने युवराज से बेहतर साबित होते. यहीं सोचकर कप्तान धोनी ने युवराज की जगह खुद को तरजीह दी और मुरलीधरन के ओवरों को न सिर्फ खत्म किया बल्कि खूब रन भी बटोरे. इसके बाद जो हुआ वो इतिहास बन गया. धोनी ने भारत को विश्व चैंपियन बनाते हुए 79 गेंदों पर 91 रन बनाए थे.