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थैंक्‍यू अम्‍मा... सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतने के बाद अपनी मां के लिए मुरुगन अश्विन ने लिखा भावुक पोस्ट - Murugan Ashwin latest news

इस टूर्नामेंट के आठ मैच में अश्विन ने 10 विकेट्स लिए. दुख ही बात उनके लिए ये है कि वो इस जीत का जश्न वो अपनी मां के साथ नहीं मना सके. उनकी मां का पिछले महीने निधन हो गया था.

Murugan Ashwin
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Published : Feb 2, 2021, 1:32 PM IST

चेन्नई:तमिल नाडु के नेग स्पिनर मुरुगन अश्विन ने अपनी स्वर्गवासी मां के लिए एक भावुक पोस्ट लिखा है. उन्होंने अपनी मां के साथ अपने बचपन की फोटो शेयर की है. आपको बता दें कि 31 जनवरी को तमिल नाडु ने बड़ौदा को सात विकेट्स से हरा कर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीती है.

इस टूर्नामेंट में ये तमिल नाडु की दूसरी जीत है. पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम बड़ौदा ने नौ विकेट खोकर 120 रन ही बनाए फिर आसानी से दिनेश कार्तिक एंड कंपनी ने जीत हासिल कर ली थी.

इस टूर्नामेंट के आठ मैच में अश्विन ने 10 विकेट्स लिए. दुख ही बात उनके लिए ये है कि वो इस जीत का जश्न वो अपनी मां के साथ नहीं मना सके. जीत के बाद अश्विन ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से एक फोटो शेयर की और एक प्यारा सा कैप्शन भी लिखा.

अश्विन ने लिखा- एक महीने पहले, मेरी मां का एक्‍यूड मेलोइड ल्‍यूकीमिया के कारण स्‍वर्गवास हुआ. उनका एएमएल बहुत नाजुक चरण पर था और दुर्भाग्‍यवश हमने उन्‍हें खो दिया. मेरी मां क्रिकेट के लिए काफी जुनूनी थी. उन्‍हीं की वजह से मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया. दर्जन भर क्रिकेट बॉल, टेनिस बॉल और रबर बॉल उन्‍होंने मुझे खरीदकर दी, जब मैं बच्‍चा था, जिसकी वजह से मुझे खेलने में काफी मजा आता था और धीरे-धीरे मेरी इस खेल में दिलचस्‍पी बढ़ गई. मां ने अपना ज्‍यादा समय मुझे प्रैक्टिस में ले जाने पर निवेश किया ताकि मेरे खेल में सुधार हो. वह वीकेंड पर मुझे खेलते देखने आती थीं. मुझे मैच खेलने के लिए स्‍कूल से इजाजत दिलाती थीं.

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मां ने मुझे बढ़‍िया क्रिकेट किट दिलाई. सुबह 4 बजे उठकर हम सबके लिए खाना बनाती थी और 7 बजे ऑफिस चली जाती थीं. फिर शाम को सात बजे ऑफिस से लौटती थीं और सभी के लिए खाना बनाती थीं. उन्‍होंने यह रोजाना किया. वो मेरी नंबर-1 प्रशंसक और आलोचक रही और हमेशा चाहती थी कि मैं अच्‍छा प्रदर्शन करूं. मुझे मां के देहांत के तुरंत बाद सैयद मुश्‍ताक अली ट्रॉफी के लिए निकलना था, जहां तमिलनाडु का प्रतिनिधित्‍व करना था. मगर 13 दिन में पूजा-पाठ में मेरी जिम्‍मेदारी बची थी. मैं उलझन में था. तब मेरे पिता, पत्‍नी और बहन ने मुझे कहा कि मुझे टूर्नामेंट में खेलना चाहिए और बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए क्‍योंकि इससे मेरी मां को सबसे ज्‍यादा खुशी मिलती. यह सैयद मुश्‍ताक अली ट्रॉफी आपके लिए हैं मां. हर बार जब भी मैं मैदान पर उतरूंगा तो मां को अपने दिल में लेकर चलूंगा. हमेशा अच्‍छा प्रदर्शन करके अपनी टीम को जीत दिलाने की कोशिश करूंगा. मुझे भरोसा है कि मेरी मां को गर्व महसूस हुआ होगा और खुशी हुई होगी कि हमने टूर्नामेंट जीता और मैं तमिलनाडु के लिए सबसे ज्‍यादा विकेट लेने वाला गेंदबाज बना. थैंक्‍यू अम्‍मा.

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