हैदराबाद :चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस चौथी बार फाइनल में आमने-सामने हैं. आईपीएल इतिहास की सबसे सफल दो टीमों के बीच की ये जंग निश्चित तौर पर रोमांचक होगी, लेकिन इतिहास चेन्नई को डरा सकता है. इन दोनों टीमों के बीच हुए बीते तीन फाइनल मैचों में से दो में मुंबई को जीत मिली है तो वहीं एक बार चेन्नई जीत हासिल करने में सफल रही है.
चेन्नई को एक ऐसी टीम माना जाता है जो ग्रुप स्टेज में दमदार खेल दिखाती है. वहीं, मुंबई को धीमी शुरुआत करने वाली टीम के तौर पर देखा जाता है. मुंबई ने धीमी शुरुआत के बाद वापसी की तो चेन्नई शुरू से पॉइंट्स टेबल में पहले स्थान पर थी और प्लेऑफ में जाने वाली पहली टीम बन गई थी. मुंबई ने बाद में चेन्नई को पहले स्थान से अपदस्थ कर दिया था.
चेन्नई के लिए एक और डर की बात ये है कि इस मैच से पहले दोनों टीमें इसी सीजन में तीन बार आमने-सामने हो चुकी हैं और तीनों बार मुंबई को जीत मिली है. दो बार ग्रुप स्टेज में तो एक बार क्वीलाफायर-1 में मुंबई ने चेन्नई को हराया है.
चेन्नई ने हालांकि जिस तरह से क्वालीफायर-2 में दिल्ली कैपिटल्स को मात दी उसे देखकर फाइनल में मुंबई का पलड़ा भारी है ये कहना गलत होगा. चेन्नई के स्पिनरों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए दिल्ली को 20 ओवरों में नौ विकेट के नुकसान पर 147 रनों से आगे नहीं जाने दिया. इस लक्ष्य को उसने शेन वाटसन और फाफ डु प्लेसिस द्वारा दी गई पहली शुरुआत के दम पर हासिल कर लिया.