नई दिल्ली: इस बात में किसी को कोई संदेह नहीं कि टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी भारतीय टीम के सबसे ज्यादा प्रेरित करने वाले कप्तान रहे हैं. धोनी अब भले ही कप्तान न हों लेकिन युवाओं को मेंटॉर सीखाते में वह अभी भी ऐक्टिव हैं.
जब धोनी ने सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी थी और फिर विराट कोहली को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी, तो उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, 'आप हमेशा मेरे कप्तान रहोगे.'
युजवेंद्र चहल के साथ धोनी और विराट हाल ही में एक अखबार ने युवा लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के साथ एक इंटरव्यू किया. इस इंटरव्यू में चहल ने धोनी की खूबियों पर बात करते हुए उन्हें 'प्रॉबलम सॉल्वर' (समस्या को हल करने वाला) बताया.
चहल ने बताया कि मेरे पास ऐसे ढेरों उदाहरण हैं, जब मैच के दौरान उन्होंने हमें सही बोलिंग करने की बात बताई और हमें विकेट हासिल हुए.
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव चहल ने कहा, 'भारत ने एमएस धोनी के रूप में सर्वश्रेष्ठ और महान खिलाड़ी दिया है. उन्होंने मेरी और कुलदीप की कई मैचों के दौरान मदद की है. कभी-कभी बल्लेबाज मेरे खिलाफ बाउंड्री मार रहे होते हैं और फिर वह (धोनी) मेरे पास आते हैं और मेरे कंधे पर हाथ रखकर मुझे कहते हैं 'इसको गुगली डाल, ये नहीं खेल पाएगा.' उनके द्वारा मिलने वाली टिप्स टीम के बहुत काम आती हैं.'
इस लेग स्पिनर ने बताया, 'ऐसा कई बार हुआ है. साउथ अफ्रीका ही ले लीजिए, जहां मैंने पहली बार 5 विकेट हासिल किए. जेपी ड्यूमिनी उस समय बैटिंग कर रहे थे. मैं उन्हें आउट करना चाहता था. माही भाई आए और उन्होंने कहा, 'इसको सीधा स्टंप टू स्टंप डाल.' वह वापस स्टंप्स पर गए और उन्होंने वहां से फिर चिल्ला कर कहा, 'तिल्ली, इसको डंडे पे ही रखना.' मैंने उनकी बात मानी और ड्यूमिनी ने स्वीप करने की कोशिश की और वह एलबीडब्ल्यू आउट हो गए.'
युजवेंद्र चहल और एमएस धोनी बता दें कि चहल ने भारत के लिए 52 वनडे और 42 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले हैं. खेले गए 52 वनडे में उन्होंने 91 विकेट लिए हैं. जबकि 42 टी20 में 55 विकेट अपने नाम किए है. हालांकि उन्होंने अबतक टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू नहीं किया है.