नई दिल्ली : स्पिनर मोंटी पनेसर ने कहा कि वीरेंद्र सहवाग उस दौर का सबसे आक्रामक बल्लेबाज था और राहुल द्रविड़ 'दीवार' की तरह था लेकिन हालात के अनुरूप ढलने की कला तेंदुलकर को सर्वश्रेष्ठ बनाती है. इंग्लैंड के लिए 50 टेस्ट खेल चुके पनेसर ने नागपुर में 2006 में अपने पहले मैच में तेंदुलकर को आउट किया था.
मोंटी पनेसर और सचिन तेंदुलकर सचिन को आउट करना कठिन होता था
उन्होंने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ''सचिन जब भी टिक जाता तो बड़ी पारी खेलता लेकिन हर बल्लेबाज की तरह उसकी भी कमजोरी थी. क्रीज पर जमने के बाद हालांकि वो अलग ही रंग में आ जाता था. सचिन को आउट करना कठिन होता था. आपको पता नहीं चलता था कि वो किस गेंद पर कौन सा शॉट खेलेगा.''
पनेसर ने कहा, ''द्रविड़ भी महान बल्लेबाज था और इसीलिए उसे दीवार भी कहते हैं. वो बल्लेबाजी करता था तो लगता था कि उसका बल्ला दूसरों से चौड़ा है क्योंकि वो इतनी देर टिककर खेल जाता था. सहवाग अपने समय का सबसे विध्वंसक बल्लेबाज था.''
उसके परिवार ने उसे काफी अच्छे संस्कार दिए
युवराज सिंह ने हाल ही में कहा कि मौजूदा भारतीय टीम में विराट कोहली और रोहित शर्मा को छोड़कर कोई 'रोलमॉडल' नहीं है और पनेसर ने इस पर सहमति जताई. उन्होंने कहा, ''सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण हम सभी के लिए रोलमॉडल थे. उनसे हम सीखते थे कि मैदान के भीतर और बाहर कैसे रहना है. सचिन से एक इंसान से तौर पर भी मैने बहुत कुछ सीखा. उसके परिवार ने उसे काफी अच्छे संस्कार दिए''
पनेसर ने संगकारा और जयवर्धने को स्पिन गेंदबाजी खेलने के महारथी बल्लेबाज बताया. कोरोना वायरस महामारी के कारण लुटोन में अपने घर में बंद पनेसर ने चैरिटी के लिए धन जुटाने की आनलाइन मुहिम शुरू की है.