हैदराबाद: महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग को लगता है कि दर्शकों से निश्चित रूप से किसी रोमांचक मुकाबले में उत्साह पैदा होता है लेकिन किसी भी खेल में मनोरंजन उसके स्तर से ही तय होता है जैसे इंग्लिश प्रीमियर लीग में कोविड-19 महामारी के बाद बहाली के बाद दिखाई दिया.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच ओल्ड ट्रैफर्ड में आठ जुलाई से जैविक रूप से सुरक्षित माहौल में दर्शकों के बिना बहाल होगा.
दर्शकों के नहीं होने से क्या क्रिकेट में उतना मनोरंजन और मजा नहीं होगा? इस पर होल्डिंग ने कहा कि किसी भी खेल में मनोरंजन उस खेल के खेलने के स्तर से तय होता है, स्टैंड में जो कुछ हो रहा है उससे नहीं.
होल्डिंग अपना ज्यादातर समय ब्रिटेन में बिताते हैं, उन्होंने इंग्लिश प्रीमियर लीग के मैचों का उदाहरण दिया कि खाली स्टेडियम में खेले जाने के बावजूद उसकी गुणवत्ता में कोई फर्क नहीं पड़ा. उन्होंने कहा कि दर्शक माहौल बनाने के लिए काफी अहम हैं लेकिन जैसे फुटबॉल जो ब्रिटेन में बहाल हो चुका है, मनोरजंन मैदान पर खेली गई फुटबॉल के स्तर से होता है.
गेंद को चमकाने के लिए लार का सहारा लेता खिलाड़ी गेंद को चमकाने के लिए लार पर प्रतिबंध को लेकर पूरी दुनिया में बहस चल रही है, लेकिन उनका मानना है कि ये इतनी बड़ी समस्या नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जैसा कि मैं पहले भी कह चुका हूं, मुझे लार पर प्रतिबंध से कोई परेशानी नहीं दिखती. पसीना भी यही काम करता है लेकिन अगर गेंदबाज के मुंह में लार के अलावा भी कुछ हो तो बात अलग है. वो क्षेत्ररक्षकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली मीठी कैंडी या मिंट की बात कर रहे थे.
ये पूछने पर कि क्या कोविड-19 से पड़ने वाले आर्थिक प्रभावों से आगामी दिनों में टेस्ट क्रिकेट पर असर पड़ेगा क्योंकि बोर्ड ज्यादा से ज्यादा सफेद गेंद की बाइलेटरल सीरीज खेलना चाहेंगे तो उन्होंने इससे इनकार किया.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं दिखता कि इससे किसी भी क्रिकेट के प्रकार को प्रभावित होना चाहिए. उनका मानना है कि क्योंकि कमाई का मुख्य स्रोत टीवी प्रसारण राशि है तो लाइव मैचों की संख्या के दिनों से इसका निपटारा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि क्रिकेट बोर्डों की ज्यादातर कमाई टीवी अनुबंध से होती है. इससे क्रिकेट के दिनों की संख्या से ये मामला सुलझ जाएगा.