दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ने की विराट कोहली की तारीफ, बताया 'आधुनिक युग का हीरो'

स्टीव वॉ ने कहा, ''वे कोहली के बारे में यह पसंद करते हैं कि यह भारत के नए रवैये की तरह है, डटे रहिए, किसी से भी नहीं डरिए. सभी चीजों का सामना करिए और कुछ भी हासिल किया जा सकता है और संभव है. वह आधुनिक हीरो की तरह है.''

Steve Waugh
Steve Waugh

By

Published : Mar 1, 2021, 8:52 PM IST

हैदराबाद: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज स्टीव वॉ ने अपने एक बयान में विराट कोहली की जमकर तारीफ की है. वॉ के अनुासर कोहली 'आधुनिक युग के हीरो' है, जो 'भारत के नए रवैये' का प्रतिनिधित्व करते हैं. जो कुछ भी असंभव नहीं होने की मानसिकता के साथ सभी चीजों का सामना करने को तैयार हैं.

स्टीव वॉ ने 'कैप्चरिंग क्रिकेट: स्टीव वॉ इन इंडिया' शीर्षक वाली 60 मिनट की डॉक्यूमेंट्री में कहा कि विरोधी से नहीं डरने के रवैये के लिए प्रशंसक कोहली को पसंद करते हैं.

पूर्व भारतीय स्पिनर ने बांधे अक्षर पटेल की तारीफों के पुल, कहा- उनका भविष्य बेहद उज्जवल है

उन्होंने डॉक्यूमेंट्री के विमोचन के बाद कहा, ''वे कोहली के बारे में यह पसंद करते हैं कि यह भारत के नए रवैये की तरह है, डटे रहिए, किसी से भी नहीं डरिए. सभी चीजों का सामना करिए और कुछ भी हासिल किया जा सकता है और संभव है. वह आधुनिक हीरो की तरह है.'' वॉ ने कहा कि वह हमेशा इस बात से मोहित रहते हैं कि कैसे भारत के लोग क्रिकेट का जश्न मनाते हैं.

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने कहा, ''क्रिकेट को कैमरे में कैद करना मेरे दिल के काफी करीब है क्योंकि इसमें मेरे दो जुनून आते है, क्रिकेट और फोटोग्राफी.'' वॉ ने कहा, ''1986 में मेरे पहले भारत दौरे के बाद से मैं हमेशा मोहित रहता था कि कैसे स्थानीय लोग क्रिकेट के खेल का जश्न मनाते हैं."

स्टीव वॉ

वॉ ने कहा कि हाल में धर्मशाला में स्टेडियम और मुंबई में ओवल मैदान की यात्रा ने उन्हें जीवनभर के लिए यादगार लम्हें दिए. इस डॉक्यूमेंट्री को हर्षा भोगले ने आवाज दी है जबकि इस निर्देशन नेल मिनचिन ने किया है और इसकी लेखक मिथिला गुप्ता हैं. इसमें महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ के अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट और ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महिला कप्तान लिसा स्ठालेकर के भी इंटरव्यू हैं.

बयान के अनुसार इस डॉक्यूमेंट्री की कहानी वॉ के फोटोग्राफी के प्रति जुनून और 1986 में पहले इंटरनेशनल दौरे के बाद से भारत और उसकी क्रिकेट संस्कृति के प्रति मोहित होने के इर्द गिर्द घूमती है. तेंदुलकर ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए डॉक्यूमेंट्री में कहा, ''मैंने अपना पूरा स्कूल क्रिकेट इन्हीं मैदानों पर खेला और कभी कभी यह देखना मुश्किल हो जाता था कि कौन किसी टीम के लिए क्षेत्ररक्षण कर रहा है और इसके बाद शॉट खेलने के लिए जगह ढूंढना और अधिक चुनौतीपूर्ण था."

IPL 2021 के वेन्यू को लेकर तीन फ्रेंचाइजियों ने जताई नाराजगी, जल्द BCCI कर सकता है बड़ा एलान

द्रविड़ ने कहा कि भारत के युवाओं का मानना है कि वे कुछ भी हासिल कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ''भारत के युवाओं में हमेशा से बुद्धिमत्ता रही है, उनमें हमेशा से क्षमता रही है लेकिन अब उनके समर्थन के लिए व्यवस्था है और उन्हें मौके मिल रहे हैं जिससे कि उनकी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ इस्तेमाल हो सके."

ABOUT THE AUTHOR

...view details