नई दिल्ली:साल 2019 खत्म हो गया और अब 2020 आ चुका है. ये साल क्रिकेट के लिए अहम है, क्योंकि इसी साल टी-20 विश्व कप होना है और कप्तान विराट कोहली तथा कोच रवि शास्त्री के मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने अपनी इस साल की प्राथमिकताएं तय कर ली हैं. खेल का लंबा प्रारूप यानी टेस्ट इन दोनों के दिल के करीब है, साथ ही विदेशी जमीन पर जीतना भी लक्ष्य की सूची में है.
नए दशक की शुरुआत के पहले इंटरव्यू में शास्त्री ने कोहली के टेस्ट क्रिकेट के प्रति प्यार और तमाम अन्य बिंदुओं पर बात की.
उस समय जब कई खिलाड़ी पैसों की बरसात करने वाली अलग-अलग देशों की टी-20 लीगों में खेलना पसंद करते हैं वहीं कोहली कहते हैं कि असल चुनौती टेस्ट में है. जब कप्तान टेस्ट में बेस्ट बनने की जुगत में हो तो एक कोच के तौर पर कैसा महूसस करते हैं? और क्या इसका युवाओं पर कोई असर है?
इस पर शास्त्री ने कहा,"बहुत बड़ा.. सिर्फ भारतीय क्रिकेट पर ही नहीं, बल्कि जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है तो पूरे विश्व पर. किसी भी चीज से ज्यादा जब एक खिलाड़ी मुखर रूप से टेस्ट क्रिकेट का प्रचार-प्रसार करता है और साफ तौर पर कहता है कि वो टेस्ट क्रिकेट को पसंद करता है और इसका लुत्फ उठाता है."
उन्होंने कहा,"इसलिए जब एक बच्चा मैच देख रहा होगा, जब वो देखेगा कि एक सुपर स्टार टेस्ट को पसंद करता है, आप उसका अनुसरण करना चाहेंगे चाहे वो भारतीय हो, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका चाहे कहीं का हो."
कोहली और शास्त्री को अपना बेहतरीन गेंदबाजी आक्रमण देखकर लगा कि ये टीम खेल के लंबे प्रारूप में शीर्ष टीम बन सकती है. भारत को अब नए साल में न्यूजीलैंड का दौरा करना है और कोच को लगता है कि एक बार फिर जसप्रीत बुमराह के नेतृत्व वाले आक्रमण के पास विदेशी किला फतह करने का मौका है.
शास्त्री से जब पूछा गया कि उन्हें कब ये अहसास हुआ कि ये गेंदबाजी ग्रुप भारत को शीर्ष पायदान पर ले जा सकता है? इस पर कोच ने सकारात्मक जवाब दिया.