नई दिल्ली : कपिल देव ने हितों के टकराव के मुद्दे पर तीन सदस्यीय एड-हॉक क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) से इस्तीफा दे दिया है. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल इस समिति के प्रमुख थे. हालांकि कपिल ने अपने पद को छोड़ने के फैसले का कोई कारण नहीं बताया है. कपिल देव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) और बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी को ई-मेल लिखकर इसकी जानकारी दी.
सीएसी पर हितों के टकराव का आरोप
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के एथिक्स ऑफिसर डी.के जैन द्वारा हितों के टकराव मुद्दे पर कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) को भेजे गए नोटिस के बाद सीएसी की सदस्य रंगास्वामी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने सीएसी पर हितों के टकराव का आरोप लगाया था.
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एक वेबसाइट से बात करते हुए पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी रंगास्वामी ने कहा कि लोगों का शिकायत करना ठीक है, लेकिन अगर एथिक्स ऑफिसर हर शिकायत को उठाता है तो यह एक मुश्किल परिदृश्य बनाता है और इसके कारण पूर्व क्रिकेटरों को प्रशासन में लाना मुश्किल होगा.
पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी शांता रंगास्वामी
अपना इस्तीफा मेल किया
रंगास्वामी ने कहा, "मैंने सीएसी और साथी ही खिलाड़ियों के संघ के निदेशक के पद से इस्तीफा दे दिया है. कल रात मैंने संबंधित अधिकारियों को अपना इस्तीफा मेल किया. अब मैं शिकायत करने वाले व्यक्तियों को समझ सकती हूं, लेकिन अगर एथिक्स ऑफिसर उस पर कदम उठाते हैं तो अपने पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है."
पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई के साथ जुड़े रहना पसंद नहीं करेंगे
उन्होंने कहा, "देखिए उन्होंने सबसे पहले सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर एवं वीवीएस लक्ष्मण को इस मामले में खींचा और अब कपिल, अंशु और मुझे. भारत के भावी क्रिकेटरों को प्रशिक्षित कर रहे राहुल द्रविड़ पर भी निशाना साधने की कोशिश की गई. यदि यह स्थिति रही तो अधिकांश पूर्व क्रिकेटर बीसीसीआई के साथ जुड़े रहना पसंद नहीं करेंगे. कयासों को जगह क्यों दी जाए इसलिए मैने सोचा सबसे अच्छा रहेगा कि खेल के हित में इस्तीफा दे दिया जाए."