दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

मध्यम तेज गेंदबाज का सामना करने के लिए लैंगर ने ब्रैडमैन से मांगी थी मदद

अगस्त 1994 में ऑस्ट्रेलिया के श्रीलंका और पाकिस्तान दौरे से पहले लैंगर 'एक सफल टेस्ट क्रिकेटर' बनने के लिए ब्रैडमैन के पास पहुंचे थे. लैंगर ने खुलासा किया है कि किस तरह से एक पत्र के जरिये उन्होंने ब्रैडमैन से मदद मांगी थी.

justin langer opens up about taking help from Sir Don bardman
justin langer opens up about taking help from Sir Don bardman

By

Published : Nov 18, 2020, 9:40 PM IST

मेलबर्न:ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने खुलासा किया है कि उन्हें अपने करियर के दौरान मध्यम तेज गेंदबाजों का सामना करने में परेशानी होती थी और इससे बाहर निकलने के लिए उन्होंने सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में गिने जाने वाले सर डॉन ब्रैडमैन से मदद भी मांगी थी.

अगस्त 1994 में ऑस्ट्रेलिया के श्रीलंका और पाकिस्तान दौरे से पहले लैंगर 'एक सफल टेस्ट क्रिकेटर' बनने के लिए ब्रैडमैन के पास पहुंचे थे. लैंगर ने खुलासा किया है कि किस तरह से एक पत्र के जरिये उन्होंने ब्रैडमैन से मदद मांगी थी.

जस्टिन लैंगर द्वारा ब्रैडमैन को भेजे गया पत्र

लैंगर ने क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू से कहा, "इस पत्र को लिखते समय मुझे थोड़ी शर्म महसूस हो रही थी. लेकिन मुझे लगा कि आप मुझे एक छोटी सी सलाह दे सकते हैं जो मुझे सफल टेस्ट क्रिकेटर बनने के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद कर सकती है."

पूर्व बल्लेबाज ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया कि तेज और स्पिनरों की खेलने की तुलना में मध्यम तेज गेंदबाज को खेलते समय उन्हें कठिनाई होती है.

ब्रैडमैन ने भी पत्र के माध्यम से ही लैंगर की बातों का जवाब दिया है.

ब्रैडमैन ने अपने पत्र में लिखा, "आप खास तौर पर मध्यम तेज गेंदबाजों के खिलाफ समस्या का उल्लेख करते हैं. उनके खिलाफ, मैं गेंद आने से ठीक पहले हमेशा थोड़ा पीछे और तिरछा जाकर खेला करता था. वास्तव में, मेरी बल्लेबाजी का मुख्य आधार पीछे होकर खेलना था क्योंकि इससे आपको आगे खेलने वाले बल्लेबाजों के मुकाबले कई सारे शॉट्स खेलने का लचीलापन और पहल करने की छूट मिलती है."

लैंगर ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 105 टेस्ट मैचों में 7,696 रन और आठ वनडे मैचों में 160 रन बनाए हैं.

लैंगर ने कहा, "अच्छी तकनीकि सलाह देने के साथ-साथ, सर डोनल्ड ने मुझसे कहा था कि वो हमेशा आनंद लेने के लिए खेलते थे क्योंकि उन्हें क्रिकेट से प्यार था. उनका पत्र आज भी मेरी स्टडी टेबल पर एक कीमती स्मृति की तरह रखा है. जब भी मैं घर पर होता हूं तो उस पत्र को देखता हूं."

ABOUT THE AUTHOR

...view details