दुबई :इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 13वें सीजन में आज चेन्नई सुपर किंग्स का सामना दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में दिल्ली कैपिटल्स के साथ होगा. चेन्नई ने मुंबई को हराकर जीत के साथ शुरुआत की थी, लेकिन दूसरे मैच में राजस्थान रॉयल्स ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम को हरा दिया था.
राजस्थान से हारी थी चेन्नई
राजस्थान के खिलाफ टीम के गेंदबाजों ने काफी रन लुटाए थे और चेन्नई को जीत के लिए 217 रनों की चुनौती दी थी. चेन्नई काफी कोशिश की बाद 16 रनों से मैच हार गई थी. गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी में भी टीम ने कुछ खास नहीं किया था. सिर्फ फाफ डु प्लेसिस का बल्ला चला था बाकी सभी असफल रहे थे.
पहले मैच में फाफ के साथ टीम को जीत दिलाने वाले बल्लेबाज अंबाती रायडू दूसरे मैच में नहीं खेले थे. उनकी जगह ऋतुराज गायकवाड को उतारा गया था जो पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे. रायडू के दूसरे मैच में खेलने पर अभी भी अनिश्चित्ता है और यह चेन्नई के लिए बड़ी मुश्किल साबित हो सकता है.
चेन्नई की सलामी जोड़ी अबतक रही असफल
पिछले दो मैचों में चेन्नई की सलामी जोड़ी असफल रही है. न मुरली विजय चले हैं और न ही शेन वाटसन. दूसरे मैच में टीम को बड़े स्कोर के सामने जिस तरह की शुरूआत चाहिए थी वो यह दोनों दे नहीं पाए थे.
चेन्नई की समस्या मध्य क्रम की भी है. केदार जाधव, ऋतुराज खुद, धोनी कुछ खास नहीं कर पाए हैं. धोनी ने पिछले दोनों मैचों में इंग्लैंड के युवा सैम कुरैन को अपने से ऊपर भेजा था.
चेन्नई के लिए धोनी का स्थान एक चर्चा का विषय है. धोनी ने पिछले मैच में नंबर-7 पर बल्लेबाजी की थी, लेकिन जब तक वो आए थे और जिस तरह से शुरुआत में धीमी बल्लेबाजी कर रहे थे उससे कई सावल खड़े हुए थे. उन्होंने आखिरी ओवर में तीन छक्के जरूर लगाए थे, लेकिन टीम के लिए उनका मतलब नहीं रह गया था.
अब देखना होगा कि रायडू की अनुपस्थिति में धोनी ऊपर आकर टीम को संभालने की जिम्मेदारी लेते हैं या फिर नीचे ही खेलते हैं.
स्पिनर्स की खूब हुई पिटाई
वहीं, गेंदबाजी की बात की जाए तो पिछले मैच में चेन्नई के स्पिनरों ने खूब रना लुटाए थे. रवींद्र जडेजा ने चार ओवरों में 40 रन लिए थे और विकेट भी नहीं निकाल पाए थे. पीयूष चावला का अनुभव भी टीम के काम नहीं आया था. इस लेग स्पिनर ने चार ओवरों में 55 रन देकर एक विकेट लिया था.
लुंगी नगिदी को आखिरी ओवर में जोफ्रा आर्चर ने चार छक्के लगाए थे, इसको अगर हटा दिया जाए तो उनका प्रदर्शन ठीक रहा था. कुरैन और दीपक चहर भी औसत प्रदर्शन कर पाए थे.