रुद्रपुर/पिथौरागढ़: कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के साथ ही हर हफ्ते किसी न किसी क्षेत्र से हजारों कर्मचारियों को बिना वेतन के छुट्टी देने, नौकरियों से निकालने या वेतन में भारी कटौती की खबरें सामने आ रही है. कोरोना और लॉकडाउन के चलते हर वर्ग के लोग परेशान हैं. कोरोना का असर खेलों की दुनिया पर भी हुआ है, कई टूर्नामेंट रद्द हो गए और स्पोर्ट्स के चैंपियन भी घुटने टेकते नजर आ रहे हैं.
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से मार्मिक तस्वीरें सामने आई हैं. जहां भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के पूर्व कैप्टन राजेंद्र सिंह धामी परिवार की आजीविका चलाने के लिए मजदूर बन गए हैं और इन दिनों महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत सड़क निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले पत्थरों को तोड़ने का काम कर रहे हैं.
लॉकडाउन से पहले रुद्रपुर में रहकर राजेंद्र सिंह धामी अपनी टीम को प्रशिक्षण दे रहे थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते वापस अपने गांव रायकोट पिथौरागढ़ आना पड़ा. इस दौरान घर का खर्चा उनके छोटे भाई के कंधों पर आ गया था. इसी बीच गुजरात में काम कर रहे उनके भाई की नौकरी भी चली गई और उन्हें भी वापस घर लौटना पड़ा.
घर की खराब आर्थिक स्थिति और बड़े भाई की जिम्मेदारी उठाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर राजेंद्र सिंह धामी अपने ही गांव में मजदूर बन गए और मनरेगा के तहत सड़क निर्माण में इस्तेमाल किए जाने वाले पत्थरों को तोड़ने का काम कर रहे हैं. उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कैप्टन राजेंद्र सिंह धामी बल्लेबाजी, गेंदबाजी सहित क्रिकेट के विभिन्न पहलुओं में विशेष रूप से दिव्यांग किशोरों को प्रशिक्षित कर रहे हैं.