हैदराबाद : महाराष्ट्र के एक छोटे से कस्बे से निकलकर वे टेस्ट क्रिकेट में कपिल देव के बाद भारत के सबसे कामयाब तेज गेंदबाज बने.
जूनियर क्रिकेट में रहा जहीर का दबदबा
भारतीय टीम के पूर्व तेज गेंदबाज जहीर खान
जहीर के क्रिकेट करियर को शुरु करने में उनके पिता का बहुत बड़ा योगदान रहा. उन्होंने जहीर को इंजीनियर का करियर छोड़कर क्रिकेट खेलने के लिए कहा. जिसके बाद जहीर मुंबई आए और जूनियर क्रिकेट में खेलने लगे. जूनियर क्रिकेट में अपने गेंदबाजी से प्रभावित करने वाले जहीर को प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बड़ौदा से खेलने को मिला. 2000–01 के रणजी सीजन में रेलवे के खिलाफ फाइनल मैच में 145 रन देकर 8 विकेट झटककर मैन ऑफ द मैच रहे.
केन्या के खिलाफ किया डेब्यू
जहीर खान को भारतीय वनडे सीरीज में केन्या के खिलाफ डेब्यू करने को मिला. पहले ही मैच में उन्होंने तीन विकेट चटकाए. वहीं नवंबर 2000 में जहीर को बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट टीम में मौका मिला.
जहीर खान ने अपनी इनस्विंग गेंदबाजी से कई बड़े खिलाड़ियों को आउट किया. आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं वर्ल्ड के बेस्ट बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ, श्रीलंकाई दिग्गज कुमार संगकारा, सनथ जयसूर्या और ऑस्ट्रेलियाई के मैथ्यू हेडन को जहीर ने उनके टेस्ट करियर में 10 से ज्यादा बार पवेलियन भेजा है.
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली के साथ जहीर खान 'नकल बॉल'
2004 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में 11वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जहीर खान ने 75 रन बनाए थे. जहीर को साल 2008 में विजडन क्रिकेटर ऑफ द इयर का खिताब मिला. जहीर खान ने 2011 वर्ल्ड कप में 'नक़ल बॉल' इजाद किया था. जिस पर उन्हें विकेट भी मिले. आजकल 'नक़ल बॉल' तेज गेंदबाज काफी इस्तेमाल कर रहे हैं.
जहीर का करियर
विकेट लेने के बाद जश्न मनाते हुए जहीर
जहीर खान ने भारत के लिए 92 टेस्ट मैच खेलते हुए 311 विकेट लिया. वहीं वनडे क्रिकेट में 282 विकेट झटके. वनडे में जहीर खान भारत के चौथे सबसे सफल गेंदबाज रहे.
जहीर ने 2003 विश्व कप में उपविजेता और 2011 में टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम योगदान दिया. उन्होंने विश्वकप में कुल 44 विकेट झटके हैं. जहीर खान ने 15 अक्टूबर 2015 को एक ट्वीट में अंतरराष्ट्रीय और प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की थी.