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भारतीय बल्लेबाजों को पैर जमाने, परिस्थितियों में खुद को ढालने की जरूरत : गायकवाड - Anshuman Gaekwad latest news

अंशुमन गायकवाड ने कहा, " जब हम वेस्ट इंडीज के खिलाफ उतरे तो हमारे पास घर में कोई भी तेज गेंदबाज या बाउंस वाली विकेट नहीं थी. हमारे पास कुछ नहीं था. इन लड़कों ने कम से कम इन सभी देशों में खेला, जहां ये स्थितियां हैं."

अंशुमन गायकवाड
अंशुमन गायकवाड

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Published : Dec 22, 2020, 8:12 PM IST

नई दिल्ली :पूर्व भारतीय बल्लेबाज अंशुमन गायकवाड ने कहा है कि इस समय भारतीय बल्लेबाजों का पैर न चल पाना दुर्भावना है और पैर हिलाने की क्षमता या अक्षमता उनकी मानसिकता का हिस्सा है.

ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच की दूसरी पारी में मात्र 36 रन पर ढेर होने के बाद भारतीय बल्लेबाजों की आलोचना हो रही है. भारत को इस मैच में आठ विकेट से शिकस्त मिली थी.

गायकवाड ने कहा, "जब हम वेस्ट इंडीज के खिलाफ उतरे तो हमारे पास घर में कोई भी तेज गेंदबाज या बाउंस वाली विकेट नहीं थी. हमारे पास कुछ नहीं था. इन लड़कों ने कम से कम इन सभी देशों में खेला, जहां ये स्थितियां हैं."

अंशुमन गायकवाड

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गायकवाड ने 1976 में जमैका टेस्ट में माइकल होल्डिंग की अगुवाई वाली तेज गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया था और 81 रन की पारी खेली थी.

उन्होंने कहा, "जो मैं समझ सकता हूं और मैं यह सब कर चुका हूं, वह यह है कि आपको अपने पैरों का उपयोग करने की आवश्यकता है. आप खड़े होकर शॉट नहीं खेल सकते. आपको अपने पैरों को आगे या पीछे करना होगा, गेंद के करीब पहुंचना होगा. साथ ही आपको गेंद की लाइन (छोटी गेंदों के खिलाफ) पर भी आना होगा. यह बहुत महत्वपूर्ण है."

भारत के लिए 40 टेस्ट मैच खेलने वाले पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "इन देशों में, जहां उछाल और गति अधिक है, वहां आपको अपनी तकनीक का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है. कहां आप गेंद को खेल सकते हैं और कहां आप गेंद को छोड़ सकते हैं."

अंशुमन गायकवाड

उन्होंने कहा कि प्रत्येक देश की पिच और परिस्थितियां अलग होती हैं और आपको वहां उसी के अनुसार खेलने की जरूरत है.

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पूर्व बल्लेबाज ने कहा, "यह मूल तकनीक और परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने को लेकर है. आप भारत में खेलते हैं, इंग्लैंड में नहीं खेल सकते हैं. आप इंग्लैंड में खेलते हैं, ऑस्ट्रेलिया में नहीं खेल सकते हैं. या आप ऑस्ट्रेलिया में खेलते हैं, न्यूजीलैंड में नहीं खेल सकते. खिलाड़ियों को परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने की जरूरत है."

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