सिडनी: नई भारतीय टीम 2009, 2010 और 2018 की सेमीफाइनल की असफलता को पीछे छोड़ते हुए इस बार महिला टी-20 विश्व कप में नया इतिहास रचना चाहेगी और इस क्रम में उसे अपना पहला मैच शुक्रवार को मेजबान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना है.
कप्तान हरमनप्रीत का 7वां टी20 वर्ल्डकप
चार बार की विश्व विजेता के खिलाफ भारत सिडनी शोग्राउंड स्टेडियम पर अपने विश्व कप अभियान का आगाज करेगी और इसी मैच के साथ विश्व कप की शुरुआत भी होगी. ऐतिहासिक टी-20 फाइनल की रेस में भारत को कई सकारात्मक चीजों का समर्थन प्राप्त है क्योंकि टीम अच्छी स्थिति में है और सब कुछ सही रहा तो फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ सकती है.
युवा खिलाड़ियों से होंगी बड़ी उम्मीदें
नए चेहरे, खेलने के नए तरीके और मैदान पर आक्रामक शारीरिक भाषा, भारत को एक बड़ा लक्ष्य बोर्ड पर टांगने में मददगार साबित हो सकता है. कप्तान हरमनप्रीत का ये सातवां टी-20 विश्व कप है. उन्होंने 2009 में पदार्पण किया था और उस टीम की अभी तक खेलने वाली इकलौती सदस्य हैं. टीम ने शेफाली वर्मा, जेमिमाह रोड्रिग्स, पूनम यादव, राजेश्वरी गायकवाड़ और दीप्ति शर्मा जैसे युवाओं के कुछ निरंतर प्रदर्शनों के आधार पर अच्छा प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है. कप्तान हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और शिखा पांडे जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ, भारतीय टीम इस साल प्रतिष्ठित ट्रॉफी उठाने की प्रबल दावेदार दिख रही है
बल्लेबाजी क्रम
मध्य क्रम में भारतीय कप्तान और दीप्ति शर्मा अपने खेल से टीम को फायदा पहुंचा सकती हैं. विकेटकीपर तानिया भाटिया और हर्लिन देयोल बड़े शॉट्स लगा सकती हैं लेकिन दोनों को विकेट पर जमने के लिए समय चाहिए होता है और यहीं से बुरी खबर शुरू होती है.
मिताली राज के विकल्प के तौर पर देखी जाने वाली वेदा कृष्णामूर्ति के खेल में निरंतरता नहीं दिखती और इसलिए उन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता. उन्होंने 2011 से लेकर अभी तक अपने टी-20 करियर में 821 रन बनाए हैं जिसमें सिर्फ दो अर्धशतक शामिल हैं. उनकी फील्डिंग के कारण हालांकि वह टीम के लिए काफी उपयोगी साबित होती आई हैं.