नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) की गुरुवार को हुई बैठक में एक बार फिर टालमटोली देखी गई चाहे मुद्दा चेयरमैन शशांक मनोहर के उत्तराधिकारी चुनने का हो या इस साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप का आईसीसी की इस 'रुको और इंतजार करो' की नीति से बीसीसीआई ज्यादा प्रभावित नहीं है.
बैठक के बाद आईसीसी बोर्ड के सदस्य ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि चेयरमैन पद के लिए नामांकन की प्रक्रिया अगले सप्ताह तक शुरू हो जाएगी. जहां तक टी-20 विश्व कप के भविष्य की बात है तो सदस्य ने कहा कि जल्दी क्या है.
सामान्य स्थिति में इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि बीसीसीआई के लिए टी-20 विश्व कप प्राथमिकता है, लेकिन कोरोनावायरस के कारण यह नहीं होता है तो भारतीय बोर्ड आईपीएल-13 का आयोजन कराना चाहता है.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा कि देरी की रणनीति के बयान तब ज्यादा मायने नहीं रखते हैं, जब यह सिर्फ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से ही नहीं, बल्कि आईसीसी की वित्तीय और वाणिज्य मामलों की समिति के अध्यक्ष एहसान मनी की तरफ से आते हैं.
अधिकारी ने कहा, "चयन प्रक्रिया में देरी और टी-20 विश्व कप को लेकर फैसला न ले पाने जैसी चीजें बताती हैं कि आईसीसी में नेतृत्व करने वालों के पास कड़े फैसले लेने की क्षमता नहीं है. आईसीसी के शीर्ष नेतृत्व को यह बताना होगा कि वह फैसला लेने में देरी क्यों कर रहे हैं. ऐसा लगता है कि उनके अलावा पूरे विश्व को पता है कि मौजूदा कार्यक्रम में विश्व कप का आयोजन संभव नहीं है."