हैदराबाद :अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) का बोर्ड गुरुवार को जब वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक करेगा तो अगले चेयरमैन की नामांकन प्रक्रिया पर चर्चा उसके एजेंडे में शीर्ष पर होगी. आईसीसी पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि ऑस्ट्रेलिया में इस साल होने वाले टी20 विश्व कप के भविष्य पर अंतिम फैसला अगले महीने किया जाएगा और ऐसे में मुख्य एजेंडा चेयरमैन के चुनाव की नामांकन प्रक्रिया पर चर्चा होगी. इस पद पर अभी भारत के शशांक मनोहर काबिज हैं.
इस मामले की जानकारी रखने वाले आईसीसी बोर्ड के सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, "मैं अब भी तय नहीं हूं कि चुनाव (या चयन) की तारीख की कल घोषणा होगी या नहीं. बेशक मुख्य एजेंडा शशांक मनोहर के विकल्प की नामांकन प्रक्रिया पर चर्चा होगी."
उन्होंने कहा, "बेशक सदस्य बैठक करेंगे तो वे बोर्ड को अपने-अपने देश में स्थिति की जानकारी देंगे. हालांकि किसी ठोस घोषणा की उम्मीद नहीं है." सदस्य ने कहा कि बोर्ड को विशिष्ट ईमेल लीक होने के मामले में चल रही जांच की जानकारी भी दी जा सकती है.
चेयरमैन के पद के लिए उम्मीदवारी पेश करने के लिए सदस्य का कम से कम दो बोर्ड बैठक में हिस्सा लेना अनिवार्य है और साथ ही उसको संबंधित देश के मौजूदा या पूर्व निदेशक (बोर्ड सदस्य) द्वारा नामित किए जाने की जरूरत है. आईसीसी बोर्ड में चेयरमैन, टेस्ट खेलने वाले 12 देश, तीन एसोसिएट सदस्य (मलेशिया, स्कॉटलैंड और सिंगापुर बारी के अनुसार), स्वतंत्र महिला निदेशक (इंदिरा नूयी) और मुख्य कार्यकारी मधु साहनी शामिल हैं. चुनाव की स्थिति में मुख्य कार्यकारी के पास मतदान का अधिकार नहीं होता.
फिलहाल इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के पूर्व चेयरमैन कोलिन ग्रेव्स वैश्विक संस्था के चेयरमैन के रूप में मनोहर की जगह लेने के प्रबल दावेदार हैं लेकिन भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली की दावेदारी को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. गांगुली या बीसीसीआई दोनों में से किसी ने अभी उनकी दावेदारी की संभावना को नहीं नकारा है. लेकिन काफी कुछ इस पर निर्भर करेगा कि उच्च न्यायालय बीसीसीआई का अंतरिम आवेदन स्वीकार करता है या नहीं जिसने अपील की है कि गांगुली और सचिव जय शाह को छह साल के बाद पद से अनिवार्य ब्रेक के नियम से छूट दी जाए.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष एहसान मनी पहले ही खुद को इस दौड़ से अलग कर चुके हैं. पता चला है कि अगर अनिवार्य ब्रेक से छूट दी जाती है तो गांगुली का दावेदारी पेश करना बुरा विचार नहीं है. बीसीसीआई के एक सूत्र ने कहा, "हमें अब तक नहीं पता कि सौरव गांगुली की राजनीतिक इच्छाएं हैं या नहीं. अगर ऐसा होता है तो वह एक साल के लिए आईसीसी चेयरमैन बन सकते हैं और इसके बाद 2021 में पश्चिम बंगाल चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हो सकते हैं."
हालांकि फिलहाल की स्थिति के अनुसार अगर गांगुली इस पद के लिए सर्वसम्मत पसंद नहीं होते हैं तो उनके चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है.