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भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करना क्रिकेट के लिए प्रभावी कदम होगा: ICC ACU

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल की एंटी करप्शन यूनिट का मानना है कि भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित न करने के कारण पुलिस के भी हाथ बंधे हुए हैं.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल
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Published : Jun 25, 2020, 12:48 PM IST

हैदराबाद: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) की एंटी करप्शन यूनिट (एसीयू) के एक वरिष्ठ अधिकारी का मानना है कि भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करना चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि ऐसा करना उस देश में सबसे प्रभावी कदम होगा जहां कड़ा कानून नहीं होने से पुलिस के हाथ भी बंधे हुए हैं. कानूनी विशेषज्ञ भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने के लिए वर्षों से वकालत कर रहे हैं क्योंकि क्रिकेट में भ्रष्ट गतिविधियों की जांच करते समय संबंधित अधिकारियों के हाथ कानून से बंधे होते हैं.

आईसीसी एसीयू के जांच समन्वयक स्टीव रिचर्ड्सन ने कहा, "अभी कोई कानून नहीं है. हमारे भारतीय पुलिस के साथ अच्छे संबंध हैं लेकिन उनके भी हाथ बंधे हुए हैं. हम भ्रष्टाचारियों के प्रयासों को नाकाम करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और हम उन्हें स्वतंत्र रूप से संचालन नहीं करने देते हैं और जितना संभव हो सकता है, उनका जीना मुहाल करके रखते हैं."

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रिचर्ड्सन ने कहा, "...लेकिन भारत में कानून बनने से पूरी परिस्थितियां बदल जाएंगी. अभी हम लगभग 50 मामलों की जांच कर रहे हैं और इनमें से अधिकतर भारत से जुड़े हैं. अगर भारत मैच फिक्सिंग को लेकर कानून बनाता है तो खेल को सुरक्षित करने की दृष्टि से यह सबसे प्रभावी कदम होगा."

भारत को अगले तीन वर्षों में आईसीसी की दो प्रतियोगिताओं की मेजबानी करनी है और ऐसे में रिचर्ड्सन ने भारत सरकार से मैच फिक्सिंग पर कानून बनाने का आग्रह किया जैसा कि उसके पड़ोसी श्रीलंका ने किया है जो 2019 में भ्रष्ट गतिविधियों को अपराध घोषित करने वाला दक्षिण एशिया का पहला देश बन गया है.

उन्होंने कहा, "भारत में आईसीसी दो प्रतियोगिताओं टी20 विश्व कप (2021) और वनडे विश्व कप (2023) का आयोजन होगा." रिचर्ड्सन और भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) एसीयू के प्रमुख अजित सिंह एक पैनल चर्चा का हिस्सा थे जिसका विषय था 'क्या भारत में मैच फिक्सिंग को अपराध घोषित करने की जरूरत है.'

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रिचर्ड्सन ने कहा कि इस तरह का कानून बनने से खिलाड़ियों के बजाय उन भ्रष्ट लोगों को रोका जा सकेगा जो अभी खुले घूम रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं कम से कम आठ लोगों के नाम भारतीय पुलिस या भारत सरकार को सौंप सकता हूं जो कि लगातार अपराध करते रहते हैं और मैच फिक्स करने के लिए खिलाड़ियों से संपर्क करने की लगातार कोशिश करते हैं."

भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी अजित सिंह ने भी स्वीकार किया कि मैच फिक्सिंग के लिये कोई उचित कानून नहीं है. उन्होंने कहा, "ये वे लोग हैं जिनको लेकर मैं चाहूंगा कि उनकी जांच मैच फिक्सिंग कानून के अंतर्गत हो."

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