दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

लिसा स्टालेकर ने जेफ्री बॉयकाट को लताड़ा, कहा- ताकत और तेजी वाले तर्क बकवास -  लिसा स्टालेकर news

ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महिला क्रिकेट खिलाड़ी लिसा स्टालेकर ने बॉयकाट के ताकत और तेजी वाले तर्क को बकवास बताते हुए कहा, "क्रिकेट का ताकत से कोई लेना देना नहीं है. महिला क्रिकेट बहुत अच्छा है और इस समय काफी अच्छा चल रहा है, इसलिए हर कोई इसका लाभ लेना चाहता है."

Lisa Sthalekar
Lisa Sthalekar

By

Published : Jun 9, 2020, 11:14 AM IST

सिडनी:ऑस्ट्रेलिया की पूर्व महिला क्रिकेट खिलाड़ी लिसा स्टालेकर इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और जाने-माने कॉमेंटेटर जेफ्री बॉयकाट के उस बयान से नाराज हैं जिसमें उन्होंने कहा था कि सिर्फ उन पुरुष खिलाड़ियों को जो टेस्ट क्रिकेट खेले हैं उन्हें ही विशेषज्ञ के तौर पर काम करना चाहिए.

79 साल के बॉयकॉट ने एक अखबार के कॉलम में लिखा, "विशेषज्ञों की तरह राय देने के लिए आपके पास टेस्ट क्रिकेट के अनुभव होना चाहिए और यह समझ होनी चाहिए कि सफल होने के लिए किस चीज की जरूरत है."

जेफ्री बॉयकाट

उन्होंने लिखा था, "आपको दबाव, भावनाएं और तकनीक के बारे में पता होना चाहिए और मुझे नहीं लगता कि आप यह बात किताब पढ़ कर सीख सकते हो या इसलिए कि आपने क्लब स्तर की क्रिकेट खेली है, दूसरी डिविजन की क्रिकेट खेली है, और पूरे सम्मान के साथ - महिला क्रिकेट खेली है. महिलाएं चाहें अपने खेल में कितनी ही अच्छी हों लेकिन उनके खेल की तुलना पुरुष क्रिकेट की ताकत और तेजी से नहीं की जा सकती."

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्टालेकर ने कहा कि बॉयकॉट का बयान गलत है.

एक अंग्रेजी अखबार ने स्टालेकर के हवाले से लिखा, "समान स्थिति में होना निश्चित तौर पर इस बात को समझने में मदद करता है कि खिलाड़ी इस समय क्या सोच रहा होगा. लेकिन सोचने का तरीका और लोग जिस तरह से खेल को खेलते हैं वो समान ही होता है चाहे आप पुरुष क्रिकेट खेलें या महिला क्रिकेट."

लिसा स्टालेकर और जेफ्री बॉयकाट

उन्होंने बॉयकाट के ताकत और तेजी वाले तर्क को बकवास बताया है.

उन्होंने कहा, "इसका ताकत से कोई लेना देना नहीं है. बाकी चीजों का भी, और यह उन लोगों के लिए क्योंकि महिला क्रिकेट बहुत अच्छा है और इस समय काफी अच्छा चल रहा है, हर कोई इसका लाभ लेना चाहता है, लेकिन हमें समझना चाहिए कि हमें उन लोगों की जरूरत नहीं है जो आके महिला क्रिकेट की तुलना पुरुष क्रिकेट से करें क्योंकि ऐसा नहीं हो सकता. यह अलग है."

उन्होंने कहा, "उनके लिए भी यही तर्क है कि हमारे खेल में पुरुष लोग कॉमेंट्री नहीं करने चाहिए क्योंकि वो कभी महिलाओं के खिलाफ नहीं खेले."

उन्होंने बॉयकॉट को ही खेल छोड़कर जाने की नसीहत दे डाली. पूर्व महिला खिलाड़ी ने कहा, "यह समय है कि वह खेल को छोड़ दें. उन्हें एक पीढ़ी के महान खिलाड़ी की तरह याद रखते हैं. जहां तक ताकत की बात है तो - मैंने उन्हें कभी ताकत का इस्तेमाल करते नहीं देखा. उनके स्ट्राइक रेट को देखते हैं और उसी पीढ़ी की महिला टेस्ट क्रिकेटर को देखते हैं मुझे लगता है कि कुछ महिला खिलाड़ियों का स्ट्राइक रेट उनसे ज्यादा का ही होगा."

ABOUT THE AUTHOR

...view details