दिल्ली

delhi

जानें क्रिकेट साउथ अफ्रीका पर बैन का क्या है पूरा मामला

By

Published : Sep 11, 2020, 2:03 PM IST

साउथ अफ्रीका की ओलंपिक कमेटी ने CSA को निलंबित कर दिया है जिससे दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट पर क्या असर पड़ेगा, इस पर पेश है एक रिपोर्ट.

how cricket South Africa gets suspended
how cricket South Africa gets suspended

हैदराबाद:दक्षिण अफ्रीका के क्रिकेट बोर्ड को दक्षिण अफ्रीकी खेल परिसंघ और ओलंपिक समिति ने भंग कर अपने अधीन कर लिया है जिसको लेकर क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने ये बयान दिया है कि वो इससे सहमत नहीं है.

CSA ने कहा कि वो SASCOC द्वारा लिए गए निर्णय से सहमत नहीं है और वो इस मामले में कानूनी सलाह ले रहे हैं. बता दें कि बोर्ड और वरिष्ठ अधिकारियों को SASCOC ने कामकाज से अलग हटने के निर्देश दिए थे जिसके बाद CSA ने ट्वीट कर के ओलंपिक कमेटी से असहमति जताई है.

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, CSA के कार्यवाहक CEO कुगांडी गोवेंडर अब बोर्ड के सदस्य दिन-प्रतिदिन के कार्यों में शामिल नहीं होंगे और अब बोर्ड के मामलों की जांच करने के लिए एक कार्य दल नियुक्त किया जाएगा.

CEO कुगांडी गोवेंडर

पिछले महीने, CSA ने अपने पूर्व CEO थबांग मोरो को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया था. ये फैसला एक स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच के बाद निकाले गए निष्कर्षों के आधार पर लिया गया था. जिसमें बाहरी विशेषज्ञों की राय भी ली गई थी.

बता दें कि स्वतंत्र फॉरेंसिक जांच से पता चला है कि मोरो ने गंभीर भ्रष्टाचार के कामों को अंजाम दिया था जिसके चलते उनकी बर्खास्तगी की मंजूरी दी गई थी.

हालांकि, इस पूरे मामले पर बनी रिपोर्ट को CSA ने सार्वजनिक नहीं किया और न ही SASCOC को सौंपा.

मिली जानकारी के मुताबिक SASCOC ने CSA को भेजे गए पत्र में लिखा था, "SASCOC ने CSA बोर्ड के साथ दो बैठकों में इन मुद्दों पर बातचीत करने का प्रयास किया था जिसमें एक तो जांच पड़ताल से जुड़ा था और दूसरा मुख्य रूप से इस तथ्य को लेकर था जिसमें बोर्ड से फंडडूजी फॉरेंसिक रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई थी लेकिन बोर्ड रिपोर्ट को उपलब्ध कराने में असमर्थ रहा."

पत्र में लिखा है, "CSA को हमारा पत्र मिला चुका है जिसमें ये लिखा है कि SASCOC के अध्यक्ष और बोर्ड के सदस्यों को मांगी गई रिपोर्ट को बोर्ड द्वारा उपलब्ध न करावा पाने का आधार अनुचित और तर्कहीन है."

SASCOC का लोगो

CSA ने कहा है कि वो इस पूरे मामले पर कानूनी कार्यवाही के लिए सलाह ले रहे हैं जिसका आधार है SASCOC का CSA के व्यावसायिक मामलों में हस्तक्षेप करने की मांग है.

SASCOC द्वारा CSA को निलंबित करने के बाद बोर्ड ने आधिकारिक बयान में कहा, "क्रिकेट साउथ अफ्रीका (CSA) ने विभिन्न प्रस्तावों से संबंधित दक्षिण अफ्रीकी खेल परिसंघ और ओलंपिक समिति (SASCOC) से जानकारी प्राप्त की है जो SASCOC और CSA के संबंध में पारित किए गए हैं. CSA, अपने सदस्यों की परिषद सहित, इससे सहमत नहीं है.

CSA ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "इसके अलावा, CSA के व्यवसाय के आधार पर हस्तक्षेप करने की मांग को लेकर हम कानूनी सलाह ले रहे है. CSA, हालांकि, अपनी स्थिति को समझने और इसके साथ ही SASCOC के साथ सामंजस्य बैठाने और अपनी पावर को समझने का प्रयास कर रही है जिससे दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट की बेहतरी के लिए काम होता रहे."

बता दें कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका ने कहा है कि वो इस हफ्ते अपने मेम्बर्स और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ इस मुद्दे पर बैठक करेंगे.

निराश क्विंटन डी कॉक

इस पूरे मामले को लेकर एक और कयास लगाया जा रहा है कि ICC के कानून के अनुसार कोई भी बोर्ड तभी आईसीसी का मेंबर हो सकता है जब उस देश का क्रिकेट को चलाने वाला बोर्ड पूरी तरह से देश की सरकार के अधीन नहीं हो. ऐसे में SASCOC के अंडर आने के बाद दक्षिण अफ्रीका में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय बैन लगने के आसार बन गए हैं.

क्रिकेट ने कैसे जमाए थे दक्षिण अफ्रीका में कदम?

क्रिकेट की शुरूआत दक्षिण अफ्रीका में 1700 के दशक के अंत में हुई थी जब ग्रेट ब्रिटेन ने डच से नियंत्रण प्राप्त करने के बाद अपने शासन की शुरूआत की थी. (दक्षिण अफ्रीक में डच के कब्जे का अंततः 1814 में एंग्लो-डच संधि के माध्यम से किया गया था).

दक्षिण अफ्रीका के इतिहास में पहला मान्यता प्राप्त क्रिकेट मैच 5 जनवरी 1808 को खेला गया था. वहां तैनात अंग्रेजी अधिकारियों की दो टीमों के बीच ये मैच खेला गया था.

दक्षिण अफ्रीका तीसरा टेस्ट नेशन बना था. इससे पहले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया दूसरे टेस्ट प्लेंइंग नेशन के तौर पर स्थापित हो चुके थे. 1889 में पोर्ट एलिजाबेथ के सेंट जॉर्ज पार्क क्रिकेट ग्राउंड में इंग्लैंड के खिलाफ दक्षिण अफ्रीका ने एक मैच खेला था. उसी वर्ष देश में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की भी शुरूआत हो गई थी. वहीं, 1909 में दक्षिण अफ्रीका ICC के तीन संस्थापक सदस्यों में से एक था.

एक बार पहले भी हो चुके हैं बैन ?

1970 में, आईसीसी ने दक्षिण अफ्रीका को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अनिश्चित काल के लिए निलंबित करने के लिए अपने मेंबर्स द्वारा मतदान करवाया था जिसका कारण था उस वक्त की उनकी सरकार की रंगभेद की नीति . एक अत्यधिक नस्लवादी नीति के कारण उन्हें केवल श्वेत देशों (इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड) के खिलाफ खेलने की अनुमति थी. जिसमें उनकी टीम में भी केवल श्वेत खिलाड़ी ही खेलेंगे.

ICC के इस निर्णय ने ग्रीम पोलाक, पीटर पोलक, बैरी रिचर्ड्स, माइक प्रॉक्टर और एडी बार्लो जैसे बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के टेस्ट करियर का अचानक से अंत कर दिया. वहीं, टोनी ग्रेग, एलन लैम्ब और रॉबिन स्मिथ जैसे भविष्य के सितारों को दूसरे देश जाकर क्रिकेट खेलने और उनका प्रतिनिधित्व करने पर मजबूर किया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details