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टी10 प्रारूप में गेंदबाजों की होगी महत्वपूर्ण भूमिका : कुमार संगाकारा

मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अध्यक्ष संगाकारा ने कहा, "छोटे प्रारूपों में , टी10 फॉर्मेट में मैच जीतने के लिए आपकी गेंदबाजी लाइन अप को बहुत काम करना होगा."

Kumar Sangakkara
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Published : Jan 12, 2021, 7:46 PM IST

Updated : Jan 12, 2021, 10:18 PM IST

अबू धाबी (यूएई) : सफेद गेंद वाले क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल माना जाता है, लेकिन श्रीलंका के पूर्व कप्तान कुमार संगाकारा को लगता है कि एक अच्छा गेंदबाजी लाइन-अप टीम के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी है.

मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) के अध्यक्ष को लगता है कि गेंदबाजी में विविधता रखने वाली टीमों को आमतौर पर सबसे छोटे प्रारूपों में जीत हासिल होती है.

टी10

संगाकारा ने कहा, "छोटे प्रारूपों में , टी10 फॉर्मेट में मैच जीतने के लिए आपकी गेंदबाजी लाइन अप को बहुत काम करना होगा."

उन्होंने आगे कहा, "हां, एक टीम को बोर्ड पर रन बनाने और उन्हें स्कोर करने की क्षमता की आवश्यकता होती है लेकिन जिस टीम की गेंदबाजी लाइन-अप में विविध और स्मार्ट खिलाड़ी होते हैं, आमतौर पर टूर्नामेंट के छोटे प्रारूपों को जीतते हैं, विशेष रूप से दबाव की स्थिति में."

संगाकारा अबू धाबी टी 10 लीग के दूसरे सीजन में टीम अबू धाबी के लिए टीम मेंटर के रूप में कदम रखेंगे.

मेंटर के रूप में टीम में उनकी भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वह खिलाड़ियों को सोच समझकर जोखिम लेने के महत्व को समझाने की कोशिश करेंगे.

संगाकारा ने कहा, "मेंटर के तौर पर, खिलाड़ियों को ये समझाने की जरूरत है कि बिना रिस्क लिए सफलता नहीं मिलती हैं. इसके साथ ही सोच समझ कर रिस्क लेना क्या होता है ये भी बताया होगा. टी10 में बेहतर प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों को पहले गेंद से ही रचनात्मक दिमाग की आवश्यकता होती है."

उन्होंने आगे कहा, "बहुत सारे खिलाड़ी, जो यहां आते हैं, वो अंतरराष्ट्रीय स्टार है जो खिलाड़ी दुनिया भर में घरेलू या फ्रेंचाइजी क्रिकेट के उच्च स्तर पर खेल रहे हैं. इसके साथ ही युवा क्रिकेटर्स भी हैं, जो बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें अपनी क्षमताओं को समझने के लिए थोड़ी और मदद की जरूरत है."

श्रीलंकाई दिग्गज को लगता है कि सबसे छोटे प्रारूप के प्रभाव ने टेस्ट क्रिकेट को और रोमांचक बना दिया है.

उन्होंने अबुधाबी टी10 द्वारा कराई गई प्रेस कांफ्रेंस में कहा, "स्कोरिंग की गति में बदलाव को देखें तो अब रिवर्स स्वीप, पैडल, आक्रामक मानसिकता ये सभी छोटे प्रारूपों की देन है. यह टेस्ट क्रिकेट में भी दिखाई दे रहा है और इसे देखना काफी रोमांचक है."

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी में तीसरे टेस्ट में ऋषभ पंत ने 118 गेंद में 97 रन बनाए. वहीं बेन स्टोक्स ने 2019 एशेज श्रृंखला में हेडिंग्ले टेस्ट में नाबाद 135 रन की आक्रामक पारी खेली थी.

संगाकारा ने पंत और चेतेश्वर पुजारा की विपरीत बल्लेबाजी शैली का भी जिक्र किया.

उन्होंने कहा, "पंत जैसे बल्लेबाज काफी आक्रमक शैली में खेलते हैं और उन्हें पुजारा जैसे पारंपरिक बल्लेबाज के साथ खेलते देखना अच्छा लगा."

संगकारा ने कहा, "यह देखकर अच्छा लगा कि दो अलग खिलाड़ी , दो अलग मानसिकता और तकनीक के साथ एक टीम में कैसे साथ में खेलते हैं. इसी तरह प्रारूपों की भी बात है."

Last Updated : Jan 12, 2021, 10:18 PM IST

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