किंगस्टन: भारत के शशांक मनोहर की जगह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) चेयरमैन पद की दौड़ में शामिल क्रिकेट वेस्टइंडीज के पूर्व अध्यक्ष डेव कैमरन ने खुलासा किया है कि उन्हें उनके घरेलू बोर्ड का ही समर्थन नहीं मिला है लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि इसमें उन्हें फायदा नजर आता है.
कैमरन की दावेदारी का समर्थन अमेरिका ने किया है जिससे वह मनोहर की जगह लेने के दावेदारों में शामिल हो गए थे. मनोहर ने पिछले महीने के आखिर में दो साल दो-दो कार्यकाल पूरा करने के बाद अपना पद छोड़ दिया था. उनकी जगह उप चेयरमैन इमरान ख्वाजा चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक अंतरिम चेयरमैन होंगे.
कैमरन ने कहा, "अभी मुझे घरेलू बोर्ड से कोई समर्थन नहीं मिल रहा है लेकिन यह बुरी बात नहीं है क्योंकि सभी जान रहे हैं कि मैं स्वतंत्र उम्मीद्वार हूं और मैं खुद के एजेंडा पर काम करने के बजाय विश्व क्रिकेट की भलाई के बारे में सोच रहा हूं."
उन्होंने कहा, "वह अमेरिकी क्रिकेट हॉफ ऑफ फेम था जिसने मुझसे कहा कि अमेरिका (क्रिकेट का) बहुत बड़ा बाजार है और उसे विकसित करने की जरूरत है. मैंने अमेरिकी क्रिकेट बोर्ड के साथ काफी काम किया है और वे अमेरिका में क्रिकेट को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं."
कैमरन ने कहा, "उन्हें (अमेरिकी क्रिकेट) लगता है कि यह सही समय है. इसके अलावा आईसीसी अधिकारों का अगला चक्र 2023 से 2031 तक होगा तो ऐसे में यह उस व्यक्ति का समर्थन करने का सबसे अच्छा समय है जिसकी योजना वास्तव में विश्व क्रिकेट को आगे बढ़ाने की है."
इंग्लैंड के कोलिन ग्रेव्स इस पद के प्रबल दावेदार है. भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली का नाम भी आईसीसी चेयरमैन पद के लिए चल रहा है लेकिन उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
किसी भी उम्मीद्वार को चुनाव लड़ने के लिए दो या इससे अधिक मतों की जरूरत होती है. कैमरन पिछले साल तक क्रिकेट वेस्टइंडीज के अध्यक्ष थे. उनकी जगह रिकी स्किरिट ने ली है.