दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

विश्व कप से भारत के बाहर होने से बांगर पर गिर सकती है गाज - भारतीय क्रिकेट टीम

भारत के विश्व कप के बाहर होने के बाद बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने कहा है कि टीम के सहायक कोच संजय बांगर की जगह सुनिश्चित नहीं है

bangar

By

Published : Jul 12, 2019, 3:15 PM IST

बर्मिघम: भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत अन्य कोचिंग स्टाफ के करार को विश्व कप के बाद 45 दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन सहायक कोच संजय बांगर की जगह सुनिश्चित नहीं है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के एक मुख्य धड़े का मानना है कि उन्हें अपना काम बेहतर तरीके से करना चाहिए था.

बांगर सहायक कोच होने के साथ-साथ टीम के बल्लेबाजी कोच भी है.

गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर ने पिछले डेढ़ साल में शानदार काम किया है, लेकिन बांगर के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता क्योंकि कई बार टीम की बल्लेबाजी जूझती दिखी है. नंबर-4 पायदान पर एक मजबूत बल्लेबाज को न चुन पाना भी बीसीसीआई को नागावार गुजरा है.

संजय बांगर के साथ शिखर धवन

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने से कहा, "यह लगातार परेशानी का विषय रहा. हम खिलाड़ियों को पूरा समर्थन दे रहे हैं क्योंकि वह केवल न्यूजीलैंड के खिलाफ में मैच खराब खेले, लेकिन स्टाफ की प्रक्रिया और निर्णय की जांच की जाएगी और उनके भविष्य के बारे में निर्णय लिया जएगा."

विजय शंकर के चोटिल होकर टूर्नामेंट से बाहर होने से पहले बांगर ने यह भी कहा था कि भारतीय ऑलराउंडर पूरी तरह से फिट है.

अधिकारी ने कहा, "चोटिल होने के कारण शंकर के टूर्नामेंट से बाहर होने से पहले बांगर का यह कहना कि ऑलराउंडर पूरी तरह से फिट है, एक साधारण सी बात थी. चीजें कहीं न कहीं अव्यवस्थित थी. वरिष्ठ कर्मचारियों सहित प्रबंधन क्रिकेट से जुड़े निर्णय को लेकर भम्रित था और साथ ही क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) की अनदेखी भी कर रहा था जो कि एक शर्म की बात है."

एक सूत्र ने यहां तक बताया कि टीम के बल्लेबाजों को अगर कोई तकलीफ होती थी तो वह पूर्व बल्लेबाजों से सलाह लेते थे.

सूत्र ने मीडिया से कहा, "नाम न बताते हुए मैं यह कहूंगा कि टीम के कुछ मौजूदा खिलाड़ियों ने यह बताया है कि कैसे उन्होंने खुद में सुधार करने के लिए पूर्व बल्लेबाजों की मदद ली."

भारतीय टीम के सहायक कोच संजय बांगर

दिलचस्प बात यह है कि टूर्नामेंट के दौरान टीम मैनेजर सुनील सुब्रमण्यम के आचरण ने भी बोर्ड के कुछ अधिकारियों को अचंभे में डाल दिया.

अधिकारी ने कहा, "टीम मैनेजर के साथ बातचीत करने वाले हर व्यक्ति को उनके आचरण और दष्टिकोण से निराशा हुई। ऐसा लग रहा था कि अपने दोस्तों के लिए टिकट और पास प्राप्त करना और अपनी टोपी की स्थिति को सही करना ही उनकी पहली प्राथमिकता है."

इससे पहले, ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी सुब्रमण्यम के आचरण पर सवाल उठे थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details