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मौजूदा हालात में भारत में क्रिकेट शुरू होना मुश्किल: राहुल द्रविड़

पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम क्रिकेट को फिर से शुरू करने की स्थिति में हैं. इसको लेकर धैर्य रखना और इंतजार करना बेहतर विकल्प है.

Rahul Dravid
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Published : Jun 21, 2020, 10:06 AM IST

नई दिल्ली:पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के मद्देनजर वर्तमान समय में भारत में क्रिकेट मैचों का आयोजन शुरू करना मुश्किल है और इसके लिए देखो और इन्तजार करो की नीति पर चलना होगा.

द्रविड़ ने सुझाव दिया कि अगर समय पर क्रिकेट शुरू नहीं हुआ तो भारतीय घरेलू सत्र को छोटा किया जा सकता है. राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख द्रविड़ ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि हम क्रिकेट को फिर से शुरू करने की स्थिति में हैं. इसको लेकर धैर्य रखना और इंतजार करना बेहतर विकल्प है.

राहुल द्रविड़

उन्होंने कहा, "हमें इसे महीने-दर-महीने लेना होगा. सभी विकल्पों को तलाशना होगा. आमतौर पर अगस्त-सितंबर तक शुरू होने वाला घरेलू सत्र अगर अक्टूबर में शुरू होता है तो हमें विचार करना होगा कि क्या हम उसे छोटा कर सकते हैं."

क्रिकेट की दुनिया में 'द वाल' के नाम से मशहूर द्रविड़ ने कहा कि अभी हर चीज अनिश्चित है. क्रिकेट कितना खेला जाएगा और खेल के आयोजन को संभव बनाना सरकार और चिकित्सा विशेषज्ञों के दिशा-निर्देशों पर निर्भर करता है.

उन्होंने कहा, "एनसीए में हमारे लिए सबसे व्यस्त समय अप्रैल से जून तक है. वहां इस दौरान जोनल, अंडर-16, अंडर-19, अंडर-23 शिविर आयोजित होते हैं. हमें योजनाओं को फिर से तैयार करना होगा. मुझे उम्मीद है कि हम अपने क्रिकेट सत्र में बहुत कुछ नहीं गंवाएंगे और हमें इस वर्ष कुछ क्रिकेट देखने को मिलेगा."

राहुल द्रविड़

क्रिकेट के आयोजन की हर संभावना पर विचार कर रहे द्रविड़ ने कहा कि बेंगलुरु में स्थित एनसीए पहले स्थानीय क्रिकेटरों को प्रशिक्षित करेगा.

पिछले महीने भारत सरकार ने खेल आयोजनों पर प्रतिबंधों में ढील दी थी, जिससे उन्हें फिर से शुरू करने की अनुमति मिली, लेकिन अभी भी यात्रा प्रतिबंध हैं और देश के कई क्षेत्रों में अभी भी लॉकडाउन जारी है.

द्रविड़ ने कहा, "एनसीए संभवत: कुछ स्थानीय क्रिकेटरों के लिए शुरू में खुलेगा. अन्य जगहों से आने वालों को पहले 14 दिनों के लिए क्वारंटाइन होना होगा. यह कितना संभव है, इस पर हमें विचार करना होगा."

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