नई दिल्ली:दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब डीडीसीए के संयुक्त सचिव राजन मनचंदा के साथ निदेशक नीतिन गुप्ता, आलोक मित्तल, रेनू खन्ना, अपूर्व जैन निदेशक और सुधीर अग्रवाल निदेशक ने बीसीसीआई को पत्र लिखकर अगली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) तक कामकाज को देखने के लिए समिति गठित करने को कहा है.
यह सब तब हुआ है जब डीडीसीए के लोकपाल न्यायाधीश (सेवानिवृत) दीपक वर्मा ने अपने पिछले आदेश में दोबारा चुनाव कराने और मनचंदा को हटाने की बात कही थी. लोकपाल ने साफ कहा था कि कोरोनावायरस ने चीजों में देरी कर दी है लेकिन जैसे ही हालात सामान्य होंगे खाली पदों के लिए चुनाव कराए जाएंगे.
संयुक्त सचिव सहित पांच निदेशकों ने बीसीसीआई को 14 सूत्री पत्र लिखा है और कहा है कि मीडिया में जो रिपोटर्स हैं वो गलत हैं और वह बीसीसीआई के हर फैसले का स्वागत करते हैं.
पत्र में लिखा है, "डीडीसीए में हाल ही में हुए घटनाक्रम में, हमने सोचा कि आपको मौजूदा स्थिति के बारे में बताना हमारा फर्ज है. कुछ मीडिया रिपोटर्स सामने आई हैं जिनमें संघ का नाम बदनाम किया गया है. वह मीडिया रिपोटर्स पूरी तरह से गलत हैं और उनकी कोशिश सिर्फ बीसीसीआई को भटकाने की है."
बयान के मुताबिक, "लोकपाल का कार्यालय कानूनी प्रक्रिया का पालन किए बिना आदेश दे रहा है और एओए द्वारा तय किए गए उसके अधिकार क्षेत्र को भी नहीं मान रहा है जो जल्दबाजी में एकतरफा तरीके से एक ही इंसान संजय भारद्वाज के कहने पर यह कर रहा है."
बयान में आगे लिखा है, "इन सभी के बावजूद इस समय जितना हो सकता है उस तरीके से बोर्ड काम कर रहा है और साथ ही अपने स्टाफ के स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति का ख्याल रख रहा है."