नई दिल्ली: दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) की शीर्ष परिषद ने लोकपाल न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) बीडी अहमद के उस फैसले को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने पत्रकार रजत शर्मा को डीडीसीए का अध्यक्ष बने रहने की स्वीकृति दी थी. शर्मा ने शनिवार को अपना इस्तीफा देते हुए कहा था कि वे संस्था में चल रही 'खींचतान और दबावों' में पद पर बने रहने में असमर्थ हैं.
लोकपाल ने हालांकि शर्मा का इस्तीफा नामंजूर कर दिया था और उन्हें अगली सुनवाई तक अपने पद पर बने रहने को कहा था. इसके साथ ही उन्होंने सुनवाई के लिए 27 नवंबर की तारीख तय की थी.
लोकपाल का ये फैसला शीर्ष परिषद को पसंद नहीं आया, जिसके 15 में से 9 सदस्यों ने संवाददाता सम्मेलन करके लोकपाल के फैसले को खारिज कर दिया और डीडीसीए में खेल के संचालन को प्रभावित करने वाले मुद्दों को भी उठाया.
शीर्ष परिषद ने शर्मा को लिखे पत्र में कहा, 'शीर्ष परिषद के निम्नलिखित सदस्यों की राय ये है कि आप डीडीसीए के अध्यक्ष के रूप दोबारा पदभार ग्रहण नहीं कर सकते हैं और आपको फिर से पद ग्रहण करने का जो ईमेल भेजा गया था उसे निरस्त माना जाएगा.'
उन्होंने कहा, 'कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 168 (1) में ये स्पष्ट है कि निदेशक का इस्तीफा कंपनी को मिलने के बाद से ही प्रभावी होगा. कंपनी अधिनियम में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं है कि कंपनी को इस्तीफा सौंपने के बाद उसे वापस लिया जा सकता है.' परिषद के लोकपाल के कार्यकाल पर भी सवाल उठाया.