नई दिल्ली: कोई खेल नहीं तो कोई वेतन नहीं. इस साल आईपीएल में करार करने वाले खिलाड़ियों के साथ भी ऐसा हो सकता है, क्योंकि अभी इसे स्थगित कर दिया गया है. तब तक इसके आगे आयोजित होने की संभावना नहीं है, जब तक बीसीसीआई साल के अंत में इसकी वैकल्पिक विंडो तैयार नहीं कर लेता.
आईपीएल फ्रैंचाइजी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "आईपीएल भुगतान का तरीका ऐसा है कि टूर्नामेंट शुरू होने से एक हफ्ते पहले 15% राशि दे दी जाती है. टूर्नमेंट के दौरान 65% दी जाती है. बची हुई 20% टूर्नामेंट खत्म होने के बाद निर्धारित समय के अंदर दी जाती है."
उन्होंने कहा, ‘बीसीसीआई के विशेष दिशानिर्देश हैं. निश्चित रूप से किसी भी खिलाड़ी को अभी कुछ नहीं दिया गया है. बीसीसीआई खिलाड़ी संस्था (भारतीय क्रिकेटर्स संघ) के अध्यक्ष अशोक मल्होत्रा ने स्वीकार किया कि आईपीएल के एक सत्र के नहीं होने का आर्थिक प्रभाव काफी बड़ा होगा. उन्हें लगता है कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए चल रहे लॉकडाउन के चलते अगर नुकसान हजारों करोड़ों में होता है तो घरेलू खिलाड़ियों तक को भी कटौती सहनी पड़ेगी.
21 दिन का है लॉकडाउन
इस समय बीसीसीआई एक वैकल्पिक विंडो तलाश रहा है क्योंकि मई में आईपीएल कराने का मौका बहुत कम है, लेकिन अभी तक कुछ तय नहीं हुआ है. देश में इस समय 21 दिन का लॉकडाउन है जो 14 अप्रैल को खत्म होगा जबकि आईपीएल को 15 अप्रैल तक स्थगित किया गया है.
कोरोना वायरस महामारी से अभी तक दुनिया भर में 39,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इससे काफी आर्थिक उथल पुथल हुई है जिससे इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों ने स्वीकार किया कि उनके वेतन में कटौती हो सकती है.
वेतन का बीमा नहीं
एक अन्य फ्रैंचाइजी के अधिकारी ने स्पष्ट किया कि महामारी के लिए खिलाड़ियों के वेतन का बीमा नहीं किया जाता. उन्होंने पूछा, "हमें बीमा कंपनी से कोई राशि नहीं मिलेगी क्योंकि महामारी बीमा की शर्तों में शामिल नहीं है. प्रत्येक फ्रैंचाइजी की वेतन देने की राशि 75 से 85 करोड़ रुपये है.
अगर खेल ही नहीं होता तो हम भुगतान कैसे कर सकते हैं. आईपीएल के 10वें चरण तक फ्रैंचाइजी का हिस्सा रहे इस अधिकारी ने कहा, 'इंग्लिश प्रीमियर लीग, ला लिगा से लेकर बुंदेसलीगा तक खिलाड़ी कटौती सह रहे हैं. साथ ही यह भी पता नहीं कि चीजें कब सामान्य होंगी.'