नई दिल्ली: बीसीसीआई के पूर्ण सदस्यों को 35 करोड़ रुपये का सालाना अनुदान मिलता है जो लोढ़ा समिति की सिफारिशों के मुताबिक कानून संशोधित नहीं करने के कारण पिछले तीन वर्षों से नहीं मिला है. ऐसे में अनुपालन करने वाले राज्य इकाइयों को 100 करोड़ रुपये से ज्यादा मिलने की संभावना है.
इस मामले से जुड़े बीसीसीआई के एक अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर बताया, "एजीएम में कई वित्तीय वर्षों के लिए वार्षिक लेखा-जोखा पारित होगा और एक बार जब ऐसा हो जाएगा तब अनुपालन करने वाले राज्यों को अनुदान मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के मुताबिक हालांकि केवल उन्हीं राज्यों को अनुदान मिलेगा जिन्होंने इसका अनुपालन किया है."
इस अधिकारी ने कहा कि यह अनुदान कई चरणों में जारी किया जा सकता है और अभी यह भी देखा जाना है कि मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, चंडीगढ़ और पुडुचेरी जैसे नौ नये पूर्ण सदस्य बनने के बाद क्या दूसरे राज्यों के अनुदान में कटौती की जाएगी.
अधिकारी ने कहा, "कई सदस्यों को तीन वर्ष से अनुदान नहीं मिला है और अब उनके पास कोई रकम बची भी नहीं है जबकि कई सदस्यों ने सावधि जमा से रकम निकालकर आधारभूत संरचना का काम किया है. ऐसे में वे कम से कम 105 करोड़ रुपये और उसके ब्याज के हकदार हैं. मुझे हालांकि ऐसा नहीं लगता उन्हें एक ही बार में यह राशि मिलेगी.