नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई प्रशासकों की समिति (सीओए) सोमवार को बैठक करेगी. इस बैठक के दौरान भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के कर्मचारियों का मूल्यांकन और क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) द्वारा उठाए गए हितों के टकाराव के मुद्दे पर अहम चर्चा होगी.
कपिल देव, अंशुमान गायकवाड़ और शांथा रंगास्वामी को आधिकारिक रूप से नई क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) में शामिल किया गया और सीईओ राहुल जौहरी ने उनसे कहा है कि किसी भी मतभेद पर वो अपना फैसला सुनाएं. उन्होंने इस मेल का जवाब भेज दिया है और अब फैसला सीओए और बीसीसीआई की कानूनी टीम को करना है.
हालांकि, उम्मीद है कि कानूनी टीम शुरू में मेल की जांच करेगी, लेकिन किसी भी संशय की स्थिति में अंत में ये एथिक्स ऑफिसर डी.के. जैन के पास जाएगा.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया,"सीओए अपनी अगली बैठक में कानूनी टीम के साथ इन तीनों के जवाब पर चर्चा करेगी और साथ ही इस बात पर चर्चा करेगी कि भविष्य में इस पर क्या फैसला लिया जाना चाहिए. अगर कानूनी टीम को लगता है कि हितों के टकराव का मामला नहीं है तो नियुक्ति जारी रहेगी नहीं तो एथिक्स ऑफिसर इसमें दखल देंगे."
बीसीसीआई का संविधान कहता है कि एक शख्स एक ही पद पर बना रह सकता है और अगर यही मामला है तो सीएसी के तीनों सदस्य हितों के टकराव की जद में आ सकते हैं. कपिल इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन (आईएसी) के निदेशक हैं, अंशुमान कई वर्षों से बीसीसीआई की अलग-अलग समितियों में रहे हैं और अब वो बीसीसीआई की एफिलिएशन समिति के सदस्य भी हैं. शांथा, भी आईसीए की निदेशक हैं.
बीसीसीआई कर्मचारियों के वेतन पर भी अहम चर्चा होगी. पिछली बैठक में काफी हंगामा हुआ था और इसका कारण था सीईओ द्वारा आईपीएल सीओओ हमेंग अमीन की जगह सीएफओ संतोष रंगनेकर को तवज्जो देना.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा,"ऐसा लगता है कि सीईओ और सीएफओ तेज गेंदबजों की तरह एक साथ शिकार करना चाहते हैं. इसलिए पहले सीएफओ ये सुनिश्चित करता है कि वो एक बढ़िया प्रस्तुति दे ताकि सीईओ को फायदा हो और सीईओ अब सीएफओ को आईपीएल सीओओ से पहले प्रमोट करने के लिए जोर दे रहा है. वो ये भूल रहे है कि आईपीएल सीओओ का काम सभी को दिख रहा है. ये देखना दिलचस्प होगा कि सोमवार को ये मामला कैसे सामने आता है क्योंकि जोहरी सीएफओ के साथ अमेरिका में है और बैठक में शायद शामिल न हों."