मेलबर्न : एडीलेड में 36 रन पर सिमटने की शर्मिंदगी झेलने वाली भारतीय टीम शनिवार से यहां शुरू हो रहे दूसरे टेस्ट में बराबरी के इरादे से उतरेगी लेकिन कप्तान विराट कोहली की गैर मौजूदगी में उसके लिए यह चुनौती काफी कठिन रहेगी.
पिछले कुछ वर्ष में भारतीय टीम को एडीलेड जैसे हालात का सामना नहीं करना पड़ा है. पहले मैच की शर्मनाक हार और अपने सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी कोहली का बाकी मैचों में टीम में नहीं होना.
कार्यवाहक कप्तान अजिंक्य रहाणे पर ऐसे में दोहरी जिम्मेदारी आन पड़ी है. अच्छी बात हालांकि यह है कि भविष्य के स्टार शुभमन गिल टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण के लिए तैयार हैं . इसी तरह चोटिल मोहम्मद शमी की कमी पूरी करने के लिए मोहम्मद सिराज जैसा युवा गेंदबाज है.
पहले मैच की हार से ज्यादा जिस तरीके से हार मिले, भारतीय टीम को बरसों तक वह कचोटती रहेगी. अगले कुछ दिन भारतीय खिलाड़ियों की असल परीक्षा होगी जिनका सामना आत्मविश्वास से ओतप्रोत टिम पेन की टीम से है जो अपने परिवार के बिना क्रिसमस मना रहे हैं.
खराब फॉर्म से जूझ रहे पृथ्वी शॉ की जगह मयंक अग्रवाल के साथ गिल पारी की शुरूआत करेंगे. पहले टेस्ट में सस्ते में आउट हुए मयंक भी उस मैदान पर अच्छी पारी खेलना चाहेंगे, जहां उन्होंने पहला टेस्ट खेला था.
अभ्यास मैच में 73 गेंद में शतक जमाने वाले ऋषभ पंत आक्रामक अंदाज में खेलना जारी रखेंगे जिसकी टीम केा जरूरत भी है. वह 2018-19 के दौरे पर चमके थे लेकिन पिछले साल फॉर्म और आत्मविश्वास दोनों खो दिए जिससे सीमित ओवरों की टीम में जगह नहीं बना सके.
रविंद्र जडेजा हैमस्ट्रिंग और सिर की चोट से उबर चुके हैं. वह अपने हरफनमौला खेल और अनुभव से काफी उपयोगी साबित होंगे.