हैदराबाद : भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है, बीसीसीआई बोर्ड के संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन की मांग कर रहा है, जिससे अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह को तीन साल के लिए अपने कार्यकाल का विस्तार मिल सकेगा.
कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल द्वारा दायर आवेदन में, बीसीसीआई ने कहा कि पिछले साल 1 दिसंबर को वार्षिक आम बैठक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी गई थी और ये बोर्ड के संविधान में बदलावों को लागू करने के लिए 9 अगस्त, 2018 के आदेश के अनुसार सुप्रीम कोर्ट से छूट की मांग कर रहा था.
कोषाध्यक्ष अरुण सिंह धूमल दोनों को पिछले साल अक्टूबर में निर्विरोध चुना गया था
प्रशासकों की समिति द्वारा तैयार और सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्वीकृत नए नियम के मुताबिक राज्य क्रिकेट संघों या बीसीसीआई में दो कार्यकालों में सेवा करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए तीन वर्ष का कूलिंग पीरियड निर्धारित किया गया है. इस नियम को ध्यान में रखते हुए, गांगुली और शाह को क्रमशः इस वर्ष जुलाई और जून से तीन वर्षों के लिए क्रिकेट प्रबंधन से दूर रहना होगा. दोनों को पिछले साल अक्टूबर में निर्विरोध चुना गया था.
अध्यक्ष और सचिव पर लागू होगी
बोर्ड की एजीएम ने मंजूरी दी कि कूलिंग पीरियड की अवधि अध्यक्ष और सचिव पर लागू होगी, अगर उन्होंने बीसीसीआई में लगातार दो बार सेवा की है, इसका मतलब है कि राज्य क्रिकेट संघों में उनके कार्यकाल को ध्यान में नहीं रखा जाएगा.
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड जय शाह बीसीसीआई के सचिव बनने से पहले 2013 से गुजरात क्रिकेट संघ में संयुक्त सचिव थे. इसी तरह से गांगुली भी पूर्व में बंगाल क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव और बाद में अध्यक्ष पद पर रहे.