मुंबई: शिखर धवन और श्रेयस अय्यर जैसे सितारों की नजरें शनिवार से छह शहरों में जैव सुरक्षित माहौल में शुरू हो रही विजय हजारे ट्रॉफी राष्ट्रीय एक दिवसीय चैम्पियनशिप के जरिए इंग्लैंड के खिलाफ आगामी सीमित ओवरों की श्रृंखला के लिए अपनी तैयारी पुख्ता करने पर लगी होगी.
कंधे की चोट के कारण सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी से बाहर रहे श्रेयस के अलावा भुवनेश्वर कुमार और धवन पर सभी की नजरें लगी होंगी. हाल ही में मुश्ताक ट्रॉफी जीतने वाली तमिलनाडु की टीम मजबूत है लेकिन कर्नाटक, मुंबई और दिल्ली की दावेदारी भी मजबूत होगी.
इस टूर्नामेंट के जरिए खिलाड़ी राष्ट्रीय चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने की कोशिश में होंगे. इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी20 श्रृंखला मार्च से शुरू होगी जिसमें पांच टी20 और तीन वनडे खेले जाएंगे. कोरोना महामारी के कारण छोटे हुए सत्र में यह दूसरा टूर्नामेंट है. फोकस श्रेयस पर होगी जो नए कोच रमेश पवार के मार्गदर्शन में मुंबई की कप्तानी संभालेंगे.
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वहीं भारतीय टीम में जगह बनाने की दहलीज पर खड़े सूर्यकुमार यादव भी अच्छा फॉर्म बरकरार रखना चाहेंगे. पृथ्वी शॉ की नजरें फॉर्म में लौटने पर लगी होंगी. मुंबई की टीम सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और पुडुच्चेरी जैसी कमजोर टीम से भी हार गई.
भुवनेश्वर उत्तर प्रदेश की कमान संभालेंगे जबकि धवन दिल्ली की टीम में हैं जिसके कप्तान प्रदीप सांगवान हैं. बड़ौदा की टीम में कप्तान कृणाल पंड्या की वापसी हुई है जो पिता के निधन के कारण सैयद मुश्ताक ट्रॉफी बीच में छोड़कर चले गए थे.
दिनेश कार्तिक की कप्तानी वाली तमिलनाडु को टी नटराजन की कमी खलेगी जिसे बीसीसीआई के अनुरोध पर इस टूर्नामेंट से बाहर रखा गया है ताकि वह इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला के लिए तरोताजा रहें.