दिल्ली

delhi

ETV Bharat / sports

फिर खटाई में पड़ सकते हैं बीसीसीआई की राज्य इकाइयों के चुनाव - BCCI

बीसीसीआई की 30 से ज्यादा स्टेट यूनिट का बुरा दौरा शुरू हो गया है. आगामी राज्य चुनावों पर सीओए ने अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर नए नियम का पालन करने को कहा है. जिसके कारण कई सदस्यों से उनके मतदान के अधिकार छिन जाएंगे.

bcci

By

Published : Sep 19, 2019, 7:47 AM IST

Updated : Oct 1, 2019, 3:57 AM IST

नई दिल्ली:बीसीसीआई की 30 से अधिक राज्य इकाइयों के आगामी चुनावों पर संदेह के बादल छा गए हैं. प्रशासकों की समिति ने अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर नए नियम का पालन करने को कहा है. इस निर्देश के बाद अधिकांश सदस्यों के मतदान के अधिकार खत्म हो सकते हैं. ये चुनाव 28 सितंबर को होने थे लेकिन अब इसके कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है क्योंकि सीओए ने राज्य संघों को सुनिश्चित करने को कहा है कि अधिकारियों के 6 साल के कार्यकाल की सीमा में उनके अपनी संस्थाओं की कार्य समितियों में बिताए समय को भी शामिल किया जाए.

अपने कार्यकाल पूरा करने के बाद इन अधिकारियों को तीन साल का ब्रेक लेना होगा. बोर्ड के सूत्रों के अनुसार अगर कार्य समिति में बिताए समय को भी जोड़ा जाएगा तो अधिकांश सदस्य मतदान के पात्र अपने 80 प्रतिशत से अधिक सदस्यों को गंवा देंगे. इसमें बंगाल क्रिकेट संघ के प्रमुख सौरभ गांगुली और गुजरात क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव जय शाह जैसे अधिकारी भी शामिल होंगे.

बीसीसीआई

बीसीसीआई के एक पूर्व सचिव और राज्य संघ के अनुभवी अधिकारी ने बताया, 'छह साल के कार्यकाल नियम के अनुसार सौरभ और शाह के 10 महीने बचे हैं. लेकिन कार्य समिति के कार्यकाल के कारण वे तुरंत प्रभाव से बाहर हो जाएंगे. '

पता चला है कि 10 से अधिक राज्य इकाइयों ने न्याय मित्र पीएस नरसिम्हा से संपर्क किया है और इस मुद्दे पर उनसे हस्तक्षेप करने और निर्देश देने को कहा है. कम से कम 25 राज्य इकाइयां पहले ही चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर चुकी हैं और इस नए निर्देश का पूरी प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है.

सीओए का ये निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति की शुरुआती सिफारिशों में शामिल नहीं था. राज्य इकाइयों ने दावा किया कि उन्हें लग रहा था कि सिर्फ पदाधिकारियों (अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष) के कार्यकाल की गणना की जानी है. जस्टिस लोढ़ा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

यह भी पढ़ें- बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को 39 रनों से हराया, महमूदुल्लाह बने 'प्लेयर ऑफ द मैच'

जस्टिस लोढ़ा ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट ने हमें काम सौंपा और हमने अपना काम किया. इसका क्या अर्थ निकाला जाता है इस पर टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है।' उम्मीद है कि इस नए निर्देश को वापस नहीं लिए जाने पर कुछ राज्य संघ 22 अक्टूबर को होने वाले बीसीसीआई के प्रस्तावित चुनाव पर रोक लगाने का आदेश देने की मांग कर सकते हैं.

Last Updated : Oct 1, 2019, 3:57 AM IST

For All Latest Updates

ABOUT THE AUTHOR

...view details