नई दिल्ली:बीसीसीआई की 30 से अधिक राज्य इकाइयों के आगामी चुनावों पर संदेह के बादल छा गए हैं. प्रशासकों की समिति ने अधिकारियों के कार्यकाल को लेकर नए नियम का पालन करने को कहा है. इस निर्देश के बाद अधिकांश सदस्यों के मतदान के अधिकार खत्म हो सकते हैं. ये चुनाव 28 सितंबर को होने थे लेकिन अब इसके कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है क्योंकि सीओए ने राज्य संघों को सुनिश्चित करने को कहा है कि अधिकारियों के 6 साल के कार्यकाल की सीमा में उनके अपनी संस्थाओं की कार्य समितियों में बिताए समय को भी शामिल किया जाए.
अपने कार्यकाल पूरा करने के बाद इन अधिकारियों को तीन साल का ब्रेक लेना होगा. बोर्ड के सूत्रों के अनुसार अगर कार्य समिति में बिताए समय को भी जोड़ा जाएगा तो अधिकांश सदस्य मतदान के पात्र अपने 80 प्रतिशत से अधिक सदस्यों को गंवा देंगे. इसमें बंगाल क्रिकेट संघ के प्रमुख सौरभ गांगुली और गुजरात क्रिकेट संघ के संयुक्त सचिव जय शाह जैसे अधिकारी भी शामिल होंगे.
बीसीसीआई के एक पूर्व सचिव और राज्य संघ के अनुभवी अधिकारी ने बताया, 'छह साल के कार्यकाल नियम के अनुसार सौरभ और शाह के 10 महीने बचे हैं. लेकिन कार्य समिति के कार्यकाल के कारण वे तुरंत प्रभाव से बाहर हो जाएंगे. '