हैदराबाद : भारत के युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के डोपिंग मामले ने नया मोड़ ले लिया है. बीसीसीआई के एंटी डोपिंग मैनेजर डॉ. अभिजीत साल्वी ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा है, 'बीसीसीआई को ये जानकारी 2 मई को ही दे दी गई थी कि पृथ्वी की रिपोर्ट में प्रतिबंधित दवा है. उस वक्त आईपीएल खत्म होने वाला था. पृथ्वी की पूरी लैब डॉक्युमेंटेशन रिपोर्ट 17 मई को आई थी.'
साल्वी ने मामले पर सफाई देते हुए कहा, 'लैब रिपोर्ट मिलने में ही देरी हुई है, हमारी तरफ से कोई विलंब नहीं हुआ है. हमें रिपोर्ट 2 मई को मिली. इससे बचा जा सकता था. अगर वाडा को लगेगा कि हमारा फैसला सही नहीं है तो वे इसके खिलाफ अपील करेंगे.
आपको बता दें पृथ्वी का सैंपल स्वीडन की ऐंटि डोपिंग संस्था ने 22 फरवरी को लिया था. राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला को बीसीसीआई को 4 मार्च तक रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन बीसीसीआई को रिपोर्ट 2 मई को सौंपी गई. सवाल उठ रहे हैं कि अगर बीसीसीआई को 2 मई को भी रिपोर्ट मिली तो पृथ्वी को उसी वक्त टीम से क्यों नहीं हटाया गया? अगर राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला के द्वारा डॉक्युमेंटेशन में 15 दिन का समय भी लगा तो पृथ्वी को 17 मई तक कार्रवाई की जानी चाहिए थी.
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, 'जान बूझ कर पूरी प्रकिया में देरी नहीं की गई है. चूंकि पूरी रिपोर्ट हमें नहीं मिली थी, इसलिए डोप टेस्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर बीसीसीआई ने पृथ्वी की फ्रेंचाइजी को आईपीएल के बीच में जानकारी देना सही नहीं समझा.'