नई दिल्ली: स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों से घिरे भारतीय क्रिकेटर एस. श्रीसंत पर लगा आजीवन प्रतिबंध बीसीसीआई ने घटाकर सात साल का कर दिया. अब श्रीसंत का बैन 13 सितंबर 2020 को खत्म होगा.
इससे पहले मार्च 2019 को श्रीसंत पर सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन प्रतिबंध हटा दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बीसीसीआई श्रीसंत पर अपने लगाए प्रतिबंध पर फिर से विचार करे. कोर्ट ने कहा था कि लाइफटाइम बैन ज्यादा है.
लोकपाल डीके जैन ने कहा, "अब श्रीसंत 35 पार हो चुके है. बतौर क्रिकेटर उनका सर्वश्रेष्ठ दौर बीत चुका है. मेरा मानना है कि किसी भी तरह के व्यावसायिक क्रिकेट या बीसीसीआई (BCCI) या उसके सदस्य संघ से जुड़ने पर श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध 13 सितंबर 2013 से सात बरस का करना न्यायोचित होगा.
प्रतिबंध हटने के बाद श्रीसंथ ने मीडिया से कहा, "जो मैंने आज सुना उस बात से मैं काफी खुश हूं. मैं अपने सभी शुभचिंतकों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने मेरे लिए दुआएं क. उनकी दुआ कबूल हो गई है. मैं अब 36 साल का हूं और अगले साल 37 साल का हो जाऊंगा. मेरे अभी टेस्ट में 87 विकेट हैं और मेरा लक्ष्य है कि मैं अपने करियर का अंत 100 टेस्ट विकेटों के साथ करूं। मैं आश्वस्त हूं कि मैं भारत की टेस्ट टीम में वापसी कर सकता हूं. मैं हमेशा से विराट कोहली की कप्तानी में खेलना चाहता था."
ऐसा रहा श्रीसंत का करियर
श्रीसंत ने 2005 में श्रीलंका के खिलाफ नागपुर में वनडे मैच के साथ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट पदार्पण किया. श्रीसंत ने 27 टेस्ट में 37.59 की औसत से 87 विकेट, जबकि वनडे में 53 मैचों में 33.44 की औसत से 75 विकेट चटकाए.