एडिलेड: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज की शुरुआत गुरुवार को एडिलेड ओवल मैदान पर डे-नाइट टेस्ट मैच से हो रही है. भारत के लिए यह प्रारूप काफी नया है और इसलिए अनुभवी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वह कमजोर दिख रही है. डे-नाइट टेस्ट प्रारूप में ऑस्ट्रेलिया सबसे अनुभवी टीम है.
ऑस्ट्रेलिया ने डे-नाइट प्रारूप में सात टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें से चार एडिलेड ओवल में ही खेले हैं. वहीं भारत ने अभी तक डे-नाइट प्रारूप में सिर्फ एक टेस्ट मैच खेला है. भारत ने यह मैच पिछले साल ईडन गार्डन्स में बांग्लादेश के खिलाफ खेला था. भारत का यह पहला डे-नाइट टेस्ट ऑस्ट्रेलिया के पहले टेस्ट मैच के चार साल बाद आया था.
भारत को हालांकि इस बात से प्ररेणा मिलेगी की ऑस्ट्रेलिया में एडिलेड में उसने कुछ दमदार प्रदर्शन किए हैं, खासकर हालिया समय में. 2018-19 के पिछले दौरे पर भी भारत ने एडिलेड में जीत हासिल की थी.
उन्होंने कहा, "गुलाबी गेंद का टेस्ट मैच अपने साथ कई सारी चीजें लेकर आता है, जैसे कि शाम का समय, जब बल्लेबाजी करना काफी मुश्किल होता है. पहले सत्र में गेंदबाजी करना मुश्किल होता है और रात में फिर गेंदबाजों को मदद मिलती है."
भारत ने दूसरा अभ्यास मैच सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) पर गुलाबी गेंद से ही खेला था. इस तीन दिवसीय अभ्यास मैच में हालांकि भारत के कई टेस्ट विशेषज्ञ- कोहली, चेतेश्वर पुजारा, रविचंद्रन अश्विन, रिद्धिमान साहा और उमेश यादव नहीं थे. इन सभी को एडिलेड टेस्ट के लिए भारत की अंतिम-11 में जगह मिली है.
ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड ओवल की सेंटर विकेट पर लाइट्स में अभ्यास किया है और ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने कहा है कि इससे उनकी टीम को फायदा होगा.
पेन ने कहा, "हम भाग्यशाली थे कि कुछ दिन पहले एडिलेड आ गए और हमने तीन दिन तक लगातार रात में सेंटर विकेट पर ट्रेनिंग की है जो मुझे लगता है कि हमारी टीम के लिए काफी फायदेमेंद साबित होगी."
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी अंतिम-11 चुन तो ली है लेकिन उसने अभी तक इसका ऐलान नहीं किया है. वहीं भारत ने अपनी अंतिम-11 का ऐलान कर दिया है.