ब्रिस्बेन: भारतीय क्रिकेट टीम ने मंगलवार को गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया को तीन विकेट से हरा दिया. इसके साथ भारत ने चार मैचों की सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली, साथ ही भारत ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी भी अपने पास बरकरार रखा है. ऑस्ट्रेलिया को गाबा मैदान पर 32 साल के बाद कोई हार मिली है. ये भारत की सर्वकालिक महान टेस्ट सीरीज जीत मानी जा रही है. चौथे और आखिरी टेस्ट मैच को जीतने के लिए भारत को 328 रन बनाने थे, जो उसने शुभमन गिल, चेतेश्वर पुजारा और ऋषभ पंत की बेहतरीन पारियों के दम पर सात विकेट खोकर बना लिए. मोहम्मद सिराज और शार्दूल ठाकुर की गेंदबाजी का भी योगदान इस जीत में काफी अहम रहा.
ऑस्ट्रेलिया को 32 साल बाद गाबा में हार का सामना करना पड़ा है. इससे पहले 1988 में ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर हार मिली थी. उस मैच में वेस्टइंडीज ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था.
भारत को एडिलेड में खेले गए पहले टेस्ट मैच में जिस तरह से हार का सामना करना पड़ा था उसके बाद कई दिग्गजों ने भारत को नकार दिया था. विराट कोहली के स्वदेश लौटने के बाद टीम की स्थिति भी कमजोर लग रही थी लेकिन कार्यवाहक कप्तान अंजिक्य रहाणे की कप्तानी में टीम ने बाकी के बचे तीन टेस्ट मैचों में जिस तरह का दृढ़संकल्प, प्रतिस्पर्धा, प्रतिद्वंदिता दिखाई उसका परिणाम रहा कि भारत ने ऑस्ट्रेलियाई जमीन पर अपना परचम लहराया.
गाबा इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए चौथे टेस्ट मैच से पहले भी भारत चोटों से परेशान थी. जसप्रीत बुमराह, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी भी चोटिल हो गए थे. भारत का तेज गेंदबाजी आक्रमण इस मैच में बेहद अनुभवहीन और युवा था बावजूद इसके भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पटक चार मैचों की टेस्ट सीरीज 2-1 से अपने नाम की.
ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में मार्नस लाबुशैन के 108, टिम पेन के 50 रनों के दम पर 369 रन बनाए थे. भारतीय बल्लेबाजों ने किसी तरह अपनी पहली पारी में 336 रन बनाए थे. पहली पारी के आधार पर आस्ट्रेलिया दूसरी पारी में 33 रनों की बढ़त के साथ ही उतरी थी. दूसरी पारी में मोहम्मद सिराज के पांच और शार्दूल ठाकुर के चार विकेट के दम पर भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 294 रनों पर समेट दिया था। फिर भी भारत को 328 रनों का मुश्किल लक्ष्य मिला था.
भारत ने हालांकि इस लक्ष्य को आसान बना दिया और एक बेहतरीन जीत हासिल कर इतिहास रचा. चौथे दिन भारत ने 1.5 ओवर ही खेले थे और चार रन बनाए थे। बारिश के कारण दिन का खेल खत्म हो गया था. पांचवें और आखिरी दिन भारत को जीत के लिए 324 रन बनाने थे. रोहित शर्मा के दिन के सातवें ओवर में सात के निजी स्कोर पर आउट होने के बाद यह चुनौती और मुश्किल हो गई थी लेकिन गिल, पंत जैसे युवा कंधों ने पुजारा जैसे अनुभवी खिलाड़ी के साथ मिलकर टीम की जीत की इबारत लिखी.