मेलबर्न : ऑस्ट्रेलिया ने यहां मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड (एमसीजी) पर भारत के खिलाफ खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन सोमवार का अंत दूसरी पारी के स्कोर छह विकेट के नुकसान पर 133 रनों के साथ किया है. इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया ने भारत द्वारा ली गई 131 रनों की लीड को उतार कर मेहमान टीम पर दो रनों की बढ़त ले ली है.
भारत ने पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया को 195 रनों पर ऑल आउट कर दिया था और फिर अपनी पहली पारी में 326 रन बना कर 131 रनों की बढ़त ले ली थी. तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक कैमरून ग्रीन 17 और पैट कमिंस 15 रन बनाकर खेल रहे हैं. इन दोनों ने 34 रनों की साझेदारी कर ली है. ऑस्ट्रेलिया के लिए अभी तक इस पारी में मैथ्यू वेड 40 रनों के साथ सर्वोच्च स्कोरर हैं. उनके बाद मार्नस लाबुशैन हैं जिन्होंने 28 रन बनाए. भारत के लिए रवींद्र जडेजा ने दो विकेट लिए.
उमेश ने अपने दूसरे ओवर में ही जो बर्न्स (चार) को विकेटकीपर ऋषभ पंत के हाथों कैच कराया. बर्न्स को विश्वास नहीं था कि गेंद उनके बल्ले का किनारा लेकर गयी है और उन्होंने डीआरएस का सहारा लिया. रीप्ले से साफ हो गया कि गेंद उनके बल्ले को चूमकर गयी थी और इस तरह से ऑस्ट्रेलिया ने एक रिव्यू गंवा दिया.
रहाणे ने ऑफ स्पिनर अश्विन को गेंद सौंपने में देर नहीं लगायी और उन्होंने फिर से अपना करिश्मा दिखाते हुए मार्नस लाबुशेन (28) को अपनी कैरम बॉल के जाल में फंसाया. बल्लेबाज ने उनकी गेंद रक्षात्मक रूप से खेलने का प्रयास किया लेकिन वह बल्ले का किनारा लेकर पहली स्लिप में रहाणे के पास चली गयी. उमेश के चोटिल होने से हालांकि भारत की चिंता बढ़ गयी है जो पहले ही मोहम्मद शमी और इशांत शर्मा की चोटों से परेशान है.
उमेश अपना चौथा ओवर करते समय लड़खड़ा गये और उन्हें दर्द के कारण लंगड़ाते हुए मैदान छोड़ना पड़ा. इससे पहले रहाणे की आकर्षक शतकीय पारी का रन आउट होने से निराशाजनक अंत हुआ. भारत ने सुबह पांच विकेट पर 277 रन से आगे खेलना शुरू किया और तीसरे दिन पहले सत्र में केवल 49 रन जोड़े और इस बीच अपने बाकी बचे पांचों विकेट गंवाये. रहाणे की शानदार पारी का अंत रन आउट होने से हुआ.
सचिन ने आईसीसी से 'अंपायर्स कॉल' को दोबारा परखने को कहा
वो टेस्ट मैचों में पहली बार रन आउट हुए. उन्होंने 223 गेंदें खेली तथा 12 चौके लगाये. रहाणे ने जडेजा के साथ छठे विकेट के लिए 121 रन की साझेदारी की. जडेजा उन्हें रन लेने के लिये आवाज लगायी थी जबकि तब रन लेना खतरे से खाली नहीं था. जडेजा तब अर्धशतक से एक रन दूर थे. उन्होंने शार्ट कवर पर शॉट खेला और एक रन के लिए दौड़ पड़े.