नई दिल्ली :भारत के खिलाफ खेली गई सीमित ओवरों की सीरीज में आराम करने वाले ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज पैट कमिंस अब तरोताजा हैं और चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच में विराट कोहली के साथ प्रतिद्वंदिता के लिए तैयार हैं. दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट 17 दिसम्बर से एडिलेड ओवल में खेला जाना है.
कमिंस से जब शुक्रवार को विराट कोहली के साथ प्रतिद्वंदिता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं इस बात से खुश हूं कि मुझे स्टीव स्मिथ को गेंदबाजी नहीं करनी. मैंने केन विलियमसन का दोहरा शतक भी देखा. इस बात से भी खुश हूं कि मैं वहां (न्यूजीलैंड) नहीं खेल रहा. मुझे लगता है कि जब आप लय में होते हो तो आप थोड़ा आगे जाने, बेहतर करने की कोशिश करते हो. जब कोई आता है तो आपको कई बार एक बड़े विकेट की आहट होती है. आमतौर पर कप्तान प्रतिद्वंदिता में रहता है. यह खेल का बेहद अहम हिस्सा है."
उन्होंने कहा, "पूरी कहानी में यह चीज किस तरह का रोल निभाती है, मैं इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचता लेकिन हमने बड़े होते हुए टीवी पर बेहतरीन प्रतिद्वंदिता देखी है. ग्लेन मैक्ग्रा का ब्रायन लारा को गेंदबाजी करना, आपको देखना पड़ता है. आप जानते हो कि कुछ होने वाला है. मुझे इस पल में रहना पसंद है. देखते हैं कि इस समर में क्या होता है."
कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के लिए पहले टेस्ट मैच के बाद स्वदेश लौट लेंगे.
कमिंस को वनडे सीरीज के शुरुआती दो मैचों के बाद आराम दे दिया गया था. वह टी-20 सीरीज में भी नहीं खेले थे. वह अब पहले टेस्ट की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने शुक्रवार को एडिलेड ओवल की सेंटर विकेट पर गेंदबाजी की.
दाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने कहा, "ब्रेक के बाद यहां (एडिलेड) आकर मैं तरोताजा महसूस कर रहा हूं. पिछले सप्ताह तक मैं अपने घर में था और आने वाली टेस्ट सीरीज के लिए तैयारी करना शानदार था. अच्छी बात यह है कि एडिलेड में खेलने से पहले हमारे पास आठ-नौ दिन हैं. इसलिए हमें आज सेंटर विकेट मिली. इसलिए मैं जाकर आठ ओवर गेंदबाजी करूंगा. मुझे नहीं लगता कि खेलने में किसी तरह की समस्या होगी. मैंने पिछले कुछ महीनों में 20 के तकरीबन मैच खेले हैं. इसलिए मुझे लगता है कि मैं मैच खेलने का आदि हूं यह सिर्फ प्रारूप बदलने की बात है."
आस्ट्रेलिया के कुछ पूर्व खिलाड़ियों- मार्क टेलर और माइकल क्लार्क ने कहा था कि कमिंस को टेस्ट टीम की कप्तानी करनी चाहिए. कमिंस ने कहा कि गेंदबाज के तौर पर टेस्ट कप्तानी सीमित ओवरों में कप्तानी करने से ज्यादा आसान है, लेकिन वह इस बारे में सोच नहीं रहे हैं क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई टीम में कई कप्तान हैं.
27 साल के कमिंस ने कहा, "मुझे लगता है कि सभी प्रारूपों में से, गेंदबाज के लिए टेस्ट में कप्तानी आसान होती है. जाहिर सी बात है कि आप व्यस्त रहते हो, आपको गेंदबाजी में काफी सारे प्रयास करने होते हैं. टेस्ट धीमी गति से चलते हैं. लेकिन इस बात का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि इस समय टीम में कई कप्तान हैं."