हैदराबाद :पिछले 3 सालों से क्रिकेट के इस नए फॉर्मेट द हंड्रेड पर चल रही चर्चा के बाद अब इस प्रारूप को अंजाम देने का समय आ चुका है. द हंड्रेड मतलब एक ऐसे फॉर्मेट जिसमें एक टीम को 100 गेंदें खेलने का मौका दिया जाएगा. इस टूनार्मेंट की शुरूआत जुलाई 2020 से होनी है. इसमें 8 फ्रेंचाइजी बेस टीमें होंगी जिसमें बीबीएल की तर्ज पर हर फ्रेंचाइजी की एक महिला और एक पुरूष टीम होगी.
इस टूर्नामेंट में स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर, राशिद खान, केन विलियमसन, आंद्रे रसल और कई बड़े खिलाड़ी भाग ले रहे हैं. एसे में इंग्लैंड ऐंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा निर्मित ये टूनामेंट एक बड़े इवेंट के तौर पर उभर सकते है. 20-20 फॉर्मेट के हिट होने के बाद इस प्रारूप को भी एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.तो आईये जानते हैं इस टूर्नामेंट के बार में वो सब कुछ जो एक क्रिकेट फैन होने के नाते जानना बेहद जरूरी है.
कैसे होगा टूर्नामेंट
ये टूर्नामेंट इंग्लैंड और वेल्स के सात शहरों में खेला जाएगा जिसमें कुल 8 टीमें होंगी. इस टूर्नमेंट में लंदन से दो टीमें होंगी.
टूर्नामेंट में भाग लेने वाली टीमों के नाम कुछ इस प्रकार हैं.
बर्मिंगम फीनिक्स (एजबेस्टन)
कोच-ऐंड्रू मैकडॉनल्ड
लंदन स्प्रिरिट (लॉर्ड्स)
कोच- शेन वॉर्न
मैनचेस्टर ओरिजनल्स (ओल्ड ट्रैफर्ड)
कोच-साइमन कैटिच
नॉर्दन सुपरचार्जर्स (हेडिंग्ले)
कोच-डैरेन लेहमन
ओवल इनविनसिलबल्स (द ओवल)
कोच- टॉम मूडी
सदर्न ब्रेव (एजेस बाउल)
कोच- महेला जयवर्धने
ट्रेंट रॉकेट्स (ट्रेंट ब्रिज)
कोच- स्टीफन फ्लेमिंग
वॉल्श फायर (कार्डिफ)
कोच- गैरी किर्स्टन
इस टूर्नामेंट के नियम और कायदे
एक मैच में कुल 200 वैध गेंदें फेंकी जाएंगी यानी हर पारी में कुल 100 गेंदें.
इसके अलावा एक ओवर में 10 गेंद होंगी
गेंदबाज या तो एक साथ 10 गेंद फेंकेगा या फिर 5, यह फैसला टीम के कप्तान पर निर्भर करेगा. ऐसे में 2 अलग- अलग गेंदबाज 10 गेंद पूरी कर सकते हैं. एक गेंदबाज अधिकतर 20 गेंद फेंक सकेगा.
टाइम आउट का नियम
हर बोलिंग टीम को ढाई मिनट का रणनीतिक ब्रेक मिलेगा. टाइम आउट के दौरान कोच मैदान पर आकर टीम के साथ रणनीति पर चर्चा कर सकेगा.
पावर प्ले का नियम
टीम की शुरुआती 25 गेंद पावरप्ले होंगी. पावरप्ले के दौरान 30 गज के घेरे के बाहर सिर्फ दो खिलाड़ी रह सकेंगे.
कितने समय में पूरा होगा मैच
एक मैच करीब ढाई घंटे चलेगा.
टीमों के लिए नियम
एक टीम में अधिकतम 15 खिलाड़ी हो सकते हैं. टीम को अधिकतम 3 विदेशी खिलाड़ी रखने की इजाजत है. आठों टीमों को कम से कम एक इंग्लिश टेस्ट खिलाड़ी को जगह देना जरूरी है.