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जानिए इंग्लैंड के पूर्व कप्तान बॉब विलिस के बारे में कुछ रोचक बातें - इंग्लैंड के पूर्व कप्तान बॉब विलिस

इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और तेज गेंदबाज बॉब विलिस का बुधवार को थायराइड कैंसर के कारण निधन हो गया. जानिए उनके बारे में वो बाते जिनके लिए इतिहास के पन्नों में दर्ज हुआ था बॉब का नाम.

BOB Willis
BOB Willis

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Published : Dec 4, 2019, 11:36 PM IST

हैदराबाद : इंग्लैंड के पूर्व कप्तान बॉब विलिस अब इस दुनियां में नहीं रहे. उनका बुधवार को थायराइड कैंसर के कारण निधन हो गया. आपको बता दें कि बॉब 70 साल के थे. अपने करियर में बॉब ने कई बड़े कारनामे किये थे जिसके चलते उनका नाम आज इतिहास में दर्ज है. 1981 में बॉब का शानदार प्रदर्शन आज तक सबके जहन में ताजा है.

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर

पूर्व गेंदबाज बॉब विलिस


विलिस ने अपने करियर में कुल 90 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 325 विकेट लिए. वहीं उन्होंने अपने करियर की शूरूआत 1971 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐशज से की थी. इसके अलावा 1981 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हेडिंग्ले टेस्ट में इयान बॉथम की 149 नॉट आउट पारी के जवाब में विलिस ने 43 रन देकर 8 विकेट झटके थे जिससे इंग्लैंड को 18 रन से जीत हासिल हुई थी. 1981 की ये ऐशज सीरीज बॉब विलिस के करियर की सबसे बड़ी हाईलाइट मानी जाती है.

'गूज' नाम से जाने जाते थे बॉब

ऐशज में गेंदबाजी करते बॉब विलिस


बॉब का निकनेम गूज था जिसका कारण था उनका क्रीज पर खड़े होने का स्टाइल. आपको बता दें कि गूज एक पक्षी को कहा जाता है जिसके खड़े होने की स्टाइल से मिलता - जुलता तरीका था बॉब का इसलिए उनको इस नाम से नवाजा गया था.


1978 में विस्डेन क्रिकेटर ऑफ दा इयर चुने गए

विकेट लेने के बाद जश्न मनाते बॉब विलिस

1971 में अपना अंतरराष्ट्रीय पर्दापण करने वाले बॉब को 7 साल के अंदर ही 1978 में विस्डेन क्रिकेटर ऑफ दा इयर चुना गया. इस वक्त तक बॉब के गेंदबाजी के चर्चे पूरी दुनियां में आम हो चुके थे.



13 साल में लिया संन्यास

पूर्व गेंदबाज बॉब विलिस


विलिस ने 1984 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था. उस वक्त वो इंग्लैंड की ओर से सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले और दुनिया के दूसरे सबसे कामयाब गेंदबाज थे. उस समय वो सिर्फ डेनिस लिलि से ही पीछे थे. उनका ये रेकॉर्ड कई साल बाद बॉथम ने तोड़ा था. 1975 में विलिस के घुटनों का ऑपरेशन हुआ जिसके बावजूद उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा. रिटायरमेंट के बाद वो काफी समय तक क्रिकेट प्रजेंटर भी रहे.

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