हैदराबाद: 24 सिंतबर का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बहुत खास है. 12 साल पहले 24 सितंबर के ही दिन भारत ने पाकिस्तान को हराकर पहला टी20 वर्ल्डकप का खिताब जीता था. साउथ अफ्रीका में खेला गया ये टूर्नामेंट पहली बार खेला गया था. इस टूर्नामेंट में भारत की कमान उस समय के युवा महेंद्र सिंह धोनी को सौंपी गई थी और टीम में युवा खिलाड़ियों को खेलने का मौका दिया गया था.
इस मौके पर बीसीसीआई ने भी ट्वीट के जरिए सभी भारतीय फैंस को बधाई दी है.
धोनी की कप्तानी में उतरी ये युवा टीम पूरे जोश के साथ इस टूर्नामेंट में अपनी छाप छोड़ने को तैयार थी. इस पूरे वर्ल्ड कप में भारत की दो जीत सबसे ज्यादा चर्चा में रही थी. एक फाइनल में मिली पाकिस्तान के खिलाफ खिताबी जीत और दूसरी भी ग्रुप राउंड में पाकिस्तान के खिलाफ ही मिली जीत. ग्रुप राउंड में टीम इंडिया ने अपने चीर-प्रतिद्वंदी पाकिस्तान को बॉल-आउट में हराया था. इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम को सिर्फ एक मुकाबले में हार मिली थी.
इस पूरे टूर्नामेंट में भारतीय टीम के हीरो रहे युवराज सिंह ने एक शानदार पारी खेली थी. उन्होंने ग्रुप राउंड में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड पर हमला बोलते हुए एक ओवर में छह छक्के जड़े थे. इस मैच में युवी ने टी20 इंटरनेशनल में 12 गेंदों में हाफ सेंचुरी लगाई थी, जो आज भी वर्ल्ड रिकॉर्ड के तौर पर रिकॉर्ड बुक में शामिल हैं.
पाकिस्तान को हराकर जीता था ये खिताब
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी. इस एतिहासिक फाइनल में भारत पाकिस्तान से भिड़ने वाला था. भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी की और पाकिस्तान के सामने 20 ओवर में 157 रन का चुनौतीपूर्ण टारगेट रखा. पाकिस्तान की टीम जीत की ओर अग्रसर हो चुकी थी. उनको आखिरी ओवर में महज 13रनों की दरकार थी और क्रीज पर मिसबाह उल हक और मोहम्मद आसिफ मौजूद थे.
धोनी ने आखिरी ओवर जोगिंदर शर्मा को दिया और वे कप्तान के इस फैसले पर बिल्कुल खरे उतरे. ओवर की तीसरी गेंद पर जोगिंदर शर्मा ने मिसबाह उल हक को श्रीसंत के हाथों कैच कराकर इतिहास रच दिया. पाकिस्तान का आखिरी विकेट गिरते ही भारत पहला आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप का चैंपियन बन गया.