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2011 विश्व कप खिताब हमारी तरफ से सचिन पाजी को तोहफा था : कोहली - 2011 World Cup

भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने मयंक अग्रवाल से बात करते हुए बताया कि उन्होंने भारत के लिए अपनी पहली सीरीज में ओपनिंग की थी और इससे पहले उन्होंने कभी ओपनिंग नहीं की थी.

सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर

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Published : Jul 28, 2020, 5:43 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल के शो ओपन नेट्स विद मयंक में कोहली ने मैदान के अंदर और बाहर की कई सारी चीजों पर बात की. इस शो के दूसरे वीडियो में, जो बीसीसीआई ने बीसीसीआई डॉट टीवी पर अपलोड किया है, मयंक ने कोहली से कप्तान द्वारा सलामी बल्लेबाज को 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुनने के बारे में पूछा.

कोहली ने मजाक में कहा, "अबे तूने मुझे अपनी तारीफ करने के लिए बुलाया है क्या यहां पे. शो पे बुलाऊंगा और अपनी तारीफ करवाऊंगा."

विराट कोहली और मयंक अग्रवाल

कोहली ने कहा, "मेरे लिए सबसे बड़ी बात ये होती है कि एक इंसान का खेल के प्रति रवैया क्या होता है. उदाहरण के तौर पर जब तुमने ओपनिंग की थी, हमने तुम्हारे साथ में हनुमा विहारी को भी ओपनिंग के लिए भेजा था.. हमने विहारी को देखा था कि वो कैसे खेलते हैं. वो गेंद पर आगे आते हैं, वो बहादुर है और उन्हें अपने ऊपर भरोसा रहता है."

उन्होंने कहा, "पहला मौका जब उनके सामने आया तो उन्होंने कहा कि मैं करूंगा. ये मेरे लिए किसी और चीज से ज्यादा मायने रखता है, क्योंकि मैंने भारत के लिए अपनी पहली सीरीज में ओपनिंग की थी और इससे पहले मैंने कभी ओपनिंग नहीं की थी. मैंने मौकों को हां कहा और चीजें मेरी बेहतरी के लिए हुईं."

2011 विश्व कप खिताब के साथ विराट कोहली

उन्होंने कहा, "इसलिए जो खिलाड़ी मुश्किल स्थिति में जाता है वो या तो अपना सिर ऊंचा करके आएगा या कुछ सीख के आएगा. हार नहीं होती."

कोहली ने कहा, "मैंने तुम्हें रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर में खेलते हुए देखा था और मैं जानता था कि तुम अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों को खेल सकते हो. तुम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में भी लंबे समय से अच्छा कर रहे थे."

विश्व कप के साथ सचिन तेंदुलकर

मंयक ने कप्तान से 2011 विश्व कप के उस मशहूर फोटो के बारे में पूछा, जिसमें वो ऐतिहासिक जीत हासिल करने के बाद सचिन तेंदुलकर को उठा रहे हैं.

कोहली ने कहा, "सबसे पहली भावना तो कतृज्ञता की थी कि हम विश्व कप जीत सके. हम सभी की भावनाएं पाजी पर केंद्रित थीं, क्योंकि हम जानते थे कि यह उनका विश्व कप जीतने का आखिरी मौका है."

2011 विश्व कप खिताब के साथ सचिन

उन्होंने कहा, "उन्होंने इतने वर्षो इस देश के लिए जो किया, जितने मैच जीते, उससे हमें प्ररेणा मिलती है."

कोहली ने कहा, "वो हमारी तरफ से उन्हें तोहफा था. इससे पहले, वो सिर्फ तोहफे दे रहे थे, लेकिन उस समय ये मकसद पूरा होने जैसा था."

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