नई दिल्ली : खेल के मैदान पर केवल रोमांचक घटनाएं ही नहीं होती हैं, कभी कभी कुछ विवाद भी पैदा होते हैं, जो खेल के लिए उचित नहीं कहे जाते हैं. कभी कभी जीत हासिल करने की चाहत में खिलाड़ी कोई ऐसी हरकत कर जाते हैं, जो खेल नियमों के तहत उचित नहीं कही जाती है. उससे खिलाड़ी के साथ साथ देश की भी बदनामी होती है. लेकिन कुछ मौकों पर लोग झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाते हैं, जिसमें कोई सच्चाई नहीं होती है. कुछ ऐसा ही भारत व ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के पहले दिन हुआ जब 5 विकेट लेने वाले स्पिन गेंदबाज रविन्द्र जडेजा पर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के साथ साथ कई लोगों ने मनगढ़ंत आरोप लगाकर विवाद बढ़ाने की कोशिश की.
क्या है बॉल-टेंपरिंग
आईसीसी के नियम के अनुसार खेल के मैदान में कोई गेंदबाज या फील्डर अपनी ओर से गेंद के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता है और न ही गेंद पर कुछ लगा सकता है. अगर खिलाड़ी ऐसा कुछ करता है तो यह बॉल टेम्परिंग की श्रेणी में आता है और इस हरकत के लिए खिलाड़ियों पर प्रतिबंध और जुर्माना भी लगता है.
रविंद्र जडेजा पर गेंद के साथ छेड़खानी का आरोप
पहले टेस्ट मैच के दौरान का वीडियो जारी करते हुए रविंद्र जडेजा पर गेंद के साथ छेड़खानी करने और उस पर कुछ लगाने का आरोप चर्चा में आया था. लेकिन वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि जडेजा अपनी उंगलियों को राहत देने के लिए मरहम लगा रहे हैं. इस वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि रवींद्र जडेजा गेंद फेंकने से पहले अपने साथी खिलाड़ी मोहम्मद सिराज के पास जाते हैं और उनसे क्रीम या मरहम जैसी कोई चीज लेकर अपनी उंगली में रगड़ रहे हैं, ताकि उनको उंगली के दर्द से राहत मिले. यह मरहम उनको टीम के चिकित्सक के द्वारा भेजवाया गया था.
ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के आरोपों को दरकिनार करते हुए लोगों ने भी रिएक्शन दिया कि अगर जडेजा को बॉल टेम्परिंग करना रहता तो वह क्रीम को गेंद पर लगाते. वह क्रीम अपनी उंगली पर लगा रहे हैं. ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस मामले को बेवजह तूल देकर अपने खिलाड़ियों की नाकामी पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहा है.
वैसे तो क्रिकेट को जैन्टलमेन गेम कहकर इसका महिमामंडन किया जाता रहा है, लेकिन इस खेल के इतिहास में भी कई ऐसी घटनाएं हुयीं हैं, जिनसे खिलाड़ियों के साथ साथ टीम को भी शर्मसार होना पड़ा है. आज हम आपको कुछ ऐसी ही घटनाओं व उनसे जुड़े खिलाड़ियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके उपर गेंद से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे और कार्रवाई भी हुयी.
बॉल-टेंपरिंग ऑस्ट्रेलियाई व दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी
गंवानी पड़ी कप्तानी-प्रतिबंध के साथ जुर्माना भी
2018 में ऑस्ट्रेलिया की टीम दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर गयी थी. इसी के दौरान टेस्ट सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों ने बॉल टैम्परिंग की घटना को अंजाम दिया था. ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों की इस हरकत पर खेल जगह को शर्मसार कर दिया. इस घटना के बाद स्टीव स्मिथ पर 100 फ़ीसदी मैच जुर्माने के साथ-साथ एक मैच का प्रतिबंध लगाया गया हैं, जबकि बैनक्रॉफ्ट को मैच फ़ीस का 75 फ़ीसदी जुर्माना लगाकर कार्रवाई की गयी. इस विवाद की वजह से स्टीव स्मिथ को ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी गंवानी पड़ी थी. बॉल टेंपरिंग में अहम भूमिका निभाने वाले बैन बैनक्रॉफ्ट रहे. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बैनक्रॉफ्ट पर 9 महीने का जबकि डेविड वॉर्नर व तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ को 12 महीने का प्रतिबंध लगा दिया. इसके अलावा स्मिथ पर दो साल के लिए टीम की कमान नहीं संभाल पाने का प्रतिबंध भी लगा दिया था.
2016 में फाफ डू प्लेसिस पर जुर्माना
ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेले गये मैचों के दौरान दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डू प्लेसिस पर भी आरोप लगा. जब फाफ डू प्लेसिस के एक वीडियो की जांच हुयी तो पता चला कि फाफ डू प्लेसिस अपने मुंह में किसी मीठी चीज का सलाइवा गेंद पर लगा रहे थे. इस घटना के बाद आईसीसी ने उन्हें बॉल टेम्परिंग का दोषी मानते हुये मैच फ़ीस का 100 फ़ीसदी जुर्माना लगाया था.
बॉल-टेंपरिंग के आरोपी सचिन व अफरीदी
2010 में शाहिद अफरीदी पर कार्रवाई
ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच 2010 में खेली गई एक वनडे मैचों की एक सीरीज के मैच के दौरान शाहिद अफरीदी को गेंद से छेड़छाड़ करते हुए देखा गया था. शाहिद अफरीदी पर आईसीसी ने आचार संहिता के 2.2.9 के अपराध का दोषी पाया और कार्रवाई की. वीडियो में शाहिद अफरीदी को मुंह से गेंद को काटते हुए दिखाई दे रहे थे. इसके बाद टीवी अंपायर ने ऑन फील्ड अंपायरों को इस घटना के बारे में बताकर गेंद को बदलने के लिए कहा था. इस मामले में आईसीसी ने अफरीदी पर 2 मैचों के लिए प्रतिबंध लगा दिया था दिया था.
2000 में वकार युनूस की हरकत
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी व तेज गेंदबाज वकार युनूस बॉल टेंपरिंग का आरोप लगा था और वह सजा पाने वाले पहले खिलाड़ी बने थे. सन 2000 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ जब पाकिस्तान की टीम वन डे मैच खेल रही थी तो वकार युनूस ने गेंद की सीम के साथ छेड़खानी की थी. जिसके कारण आईसीसी ने एक मैच के लिए बैन लगा दिया था.
2001 में सचिन तेंदुलकर पर एक्शन
इतना ही नहीं भारतीय खिलाड़ियों पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे, जिसमें सचिन पर कार्रवाई हुयी थी. इस दौरान भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज चल रही थी. हालांकि बाद में तेंदुलकर पर लगा प्रतिबंध रद्द कर दिया गया था. इसके अलावा साल 2004 में भारतीय टीम जब जिम्बाब्वे दौरे पर गयी थी तो राहुल द्रविड़ पर मिंट से गेंद को चमकाने का आरोप लगा था. इस घटना के बाद द्रविड़ पर इसके लिए जुर्माना लगाया गया था.
70 के दशक में हुई थी घटना
बॉल टेंपरिंग का इतिहास काफी पुराना है. 70 के दशक में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जॉन लीवर पर भारतीय टीम के कप्तान बिशनसिंह बेदी ने लगाये थे. उन्होंने जॉन लीवर पर बॉल पर वैसलीन लगाने का आरोप लगाकर हड़कंप मचा दिया. इसके साथ ही इंग्लैंड के पूर्व कप्तान माइकल अथर्टन पर भी अपनी जेब में रखी मिट्टी से गेंद के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था.