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मुझसे कहा जाता था, मेरी चमड़ी का रंग ठीक नहीं है: उस्मान ख्वाजा

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने एक मीडिया हाउस से कहा, "जब मैं ऑस्ट्रेलिया में बड़ा हो रहा था तब मुझसे कई बार कहा गया था कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी नहीं खेल पाउंगा. मुझसे कहा जाता था कि मेरी चमड़ी का रंग सही नहीं है."

Chennai: Australian cricketer Usman Khawaja during a practice session ahead of their first four-day game against India `A`, at MC Stadium in Chennai
Chennai: Australian cricketer Usman Khawaja during a practice session ahead of their first four-day game against India `A`, at MC Stadium in Chennai

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Published : Jun 5, 2021, 2:21 PM IST

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने खुलासा किया है कि ऑस्ट्रेलिया में बसने के बाद शुरूआती दिनों में नस्लवाद से लेकर उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था.

ख्वाजा का परिवार पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया में बसा था. ख्वाजा ने एक मीडिया हाउस से कहा, "जब मैं ऑस्ट्रेलिया में बड़ा हो रहा था तब मुझसे कई बार कहा गया था कि मैं ऑस्ट्रेलिया के लिए कभी नहीं खेल पाउंगा. मुझसे कहा जाता था कि मेरी चमड़ी का रंग सही नहीं है. मुझसे कहा जाता था कि मैं टीम में चुने जाने के लिए फिट नहीं हूं और वे मुझे नहीं चुनेंगे. उस समय की मानसिकता ही ऐसी थी. हालांकि अब ये बदलने लगी है."

34 साल के ख्वाजा ने ऑस्ट्रेलिया के लिए अब तक 44 टेस्ट मैचों में करीब 2900 रन बनाए हैं. ख्वाजा जब छोटे थे तो उस समय उनका परिवार पाकिस्तान से ऑस्ट्रेलिया आकर बस गया था. ख्वाजा ने सिडनी में 2011 एशेज टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की ओर से पदार्पण किया था.

उन्होंने कहा, "अब स्थिति काफी बेहतर हुई है. मैं राज्य स्तर पर बहुत सारे ऐसे क्रिकेटरों को देख रहा हूं, विशेष रूप से उपमहाद्वीप की पृष्ठभूमि वालो को, जो ऑस्ट्रेलिया में खेल रहे हैं. जब मैंने खेलना शुरू किया था तब वास्तव में ऐसा नहीं था। जब मैं घरेलू क्रिकेट खेल रहा था और मैं वहां इकलौता उपमहाद्वीप का खिलाड़ी था. इस समय शायद मेरे साथ कुछ अन्य खिलाड़ी हैं."

ऑस्ट्रेलिया के लिए 40 वनडे में करीब 1500 रन बनाने वाले बल्लेबाज ने कहा कि विविधता के मामले में उनकी टीम इंग्लैंड की टीम से सीख ले सकती है.

ख्वाजा ने कहा, "हमें अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है और मैं इंग्लैंड की टीम को देखता हूं तो उनके पास लंबे समय से विविधता है. वो हमसे पुराने देश हैं, लेकिन मैं उस विविधता को देख सकता हूं और सोच सकता हूं कि शायद यही वह जगह है, जहां ऑस्ट्रेलिया को पहुंचने की जरूरत है."

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