नई दिल्ली: पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ को मुख्य कोच बनने के लिये मनाने के दो दिन बाद बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) ने लोढा समिति की सिफारिश वाले संविधान के अनुसार रविवार को इस पद के अलावा तीन सहयोगी स्टाफ के लिये आवेदन करने के लिये विज्ञापन जारी किया.
पहले से ही तय है कि एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी) के मौजूदा प्रमुख द्रविड़ इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिये तैयार हैं जिसे केवल कुछ चमत्कार होने के बाद ही बदला जा सकता है.
द्रविड़ पहले ही आईपीएल फाइनल के मौके पर दुबई में बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों से साथ चर्चा में अनौपचारिक रूप से सहमति दे चुके हैं.
हालांकि बीसीसीआई को क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) बनाने की जरूरत है और अगर संविधान के अनुसार चला जाये तो उन्हें बीसीसीआई शीर्ष परिषद को औपचारिक सिफारिश करनी होगी. सभी पदों के लिये आवेदन की अंतिम तारीख 26 अक्टूबर है.
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यही कारण है कि बीसीसीआई ने 2023 वनडे विश्व कप तक दो साल के कार्यकाल के लिये मुख्य कोच के पद के साथ बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोचों के लिये अभी विज्ञापन जारी किया है.
रवि शास्त्री के साथ गेंदबाजी कोच भरत अरूण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर का कार्यकाल इस महीने भारत के टी20 विश्व कप अभियान समाप्त होने पर खत्म हो जायेगा.
बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ अगर आवेदन भरते हैं तो उनके कार्यकाल के बढ़ने की उम्मीद है, हालांकि उनके पास 2019 से अब तक के अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान दिखाने के लिये कोई प्रदर्शन नहीं है.
गेंदबाजी कोच के पद के लिये भारत ए और अंडर-19 कोच पारस म्हाम्ब्रे को लाये जाने की उम्मीद है जो द्रविड़ के भरोसेमंद हैं.
मुख्य कोच के पद के लिये आवेदन करने वाले को 30 टेस्ट या 50 वनडे खेलने के साथ राष्ट्रीय टीम को दो साल की कोचिंग देने या फिर आईपीएल की टीम को तीन साल की कोचिंग देने का अनुभव होना जरूरी है. वह 14 से 16 लोगों के सहयोगी स्टाफ की टीम का नेतृत्व करेंगे.
विज्ञापन के अनुसार, ‘‘सफल उम्मीदवार पर एक विश्व स्तरीय भारतीय क्रिकेट टीम तैयार करने की जिम्मेदारी होगी, जो सभी परिस्थितियों और प्रारूपों में लगातार सफलता हासिल करेगी और मौजूदा और भविष्य की पीढ़ी के क्रिकेटरों और हितधारकों को अपने खेल के प्रति दृष्टिकोण से प्रेरित करेगी. ’’
मुख्य कोच भारतीय पुरूष टीम की समीक्षा और अनुशासनात्मक संहिता लागू और बरकरार रखने के जिम्मेदार होगा.
साथ ही वह एनसीए प्रमुख के साथ मिलकर जब भी संभव हो, उन खिलाड़ियों के कौशल को निखारने के लिये योजना भी तैयार करेगा जो राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हैं.
अन्य सहयोगी स्टाफ के लिये 10 टेस्ट या 25 वनडे या आईपीएल या ए टीमों के साथ तीन साल तक काम करने का अनुभव जरूरी होगा.
बीसीसीआई हाल में आशीष कौशिक के हटने के बाद एनसीए में ‘स्पोर्ट साइंस एवं मेडिसिन’ के प्रमुख पद के लिये भी उम्मीदवार तलाश रहा है.