क्राइस्टचर्च:मजबूत आस्ट्रेलियाई टीम रविवार को आईसीसी महिला विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड के सामने होगी, जिसमें वह सातवीं ट्राफी जीतकर अपने दबदबे को रखना चाहेगी. लेकिन पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी के सामने उसकी यह डगर आसान नहीं होगी. इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दोनों ने अलग-अलग तरीके से फाइनल में प्रवेश किया. गत चैम्पियन इंग्लैंड ने टूर्नामेंट के शुरुआती तीन मैच गंवाने के बाद वापसी करते हुए लगातार पांच मैचों में जीत हासिल कर खिताबी भिड़ंत सुनिश्चित की.
वहीं आस्ट्रेलिया ने लगातार जीत के सिलसिले को जारी रखते हुए 11 मैचों में फतह हासिल की और अब वह रिकॉर्ड सातवें विश्व खिताब को अपने नाम करने की कोशिश में है. दोनों टीमों ने पिछले 11 विश्व कप में मिलाकर 10 खिताब हासिल किए हैं. लेकिन दिलचस्प बात है कि इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया 34 साल में पहली बार आईसीसी विश्व कप फाइनल में एक दूसरे का सामना करेंगे. दोनों टीमों ने करीब एक महीने पहले हैमिल्टन में अपना अभियान शुरू किया और वे साथ ही टूर्नामेंट का समापन करेंगी, जिसमें से एक के हाथ में ट्राफी होगी.
यह भी पढ़ें:On This Day: भारत ने 1983 के बाद दूसरी बार जीता क्रिकेट विश्व कप
आस्ट्रेलिया ने सिर्फ एक ही विश्व कप फाइनल गंवाया है, जो साल 2000 में हुआ था और रविवार को हेगले ओवल में होने वाले फाइनल से वो जगह ज्यादा दूर नहीं है. लिंकन के बर्ट सुटक्लिफ ओवल में आस्ट्रेलिया ने टूर्नामेंट के अब तक के करीबी फाइनल में न्यूजीलैंड से महज चार रन से हार का सामना किया था. उस साल इंग्लैंड का विश्व कप में सबसे खराब प्रदर्शन रहा था, जिसमें वह पांचवें स्थान पर रही थी. लेकिन फिर साल 2009 में वापसी करते हुए आस्ट्रेलिया से ट्राफी छीनी थी. यह साल इंग्लैंड के लिए शानदार रहा था, जिसमें उसने पहला और एकमात्र टी-20 विश्व कप जीता और साथ ही एशेज भी जीती थी.
अब यही चीज आस्ट्रेलिया 13 साल बाद करना चाहेगी. क्योंकि टीम पहले ही 2020 में अपनी सरजमीं में टी-20 ट्राफी हासिल कर चुकी है और फरवरी में दो मैच रहते ही उसने एशेज भी जीत ली थी. उप कप्तान रशेल हेन्स के पास साल 2013 विजेता पदक भी है और वह प्रतियोगिता के रिकॉर्ड की ओर बढ़ रही हैं. इस सलामी बल्लेबाज ने टूर्नामेंट में 429 रन बना लिए हैं और वह न्यूजीलैंड की सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ डेबी हॉकले के साल 1997 में बनाए गए रिकॉर्ड से महज 27 रन पीछे हैं.